कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक ने पाकिस्तान में सरकार विरोधी धरना खत्म किया
By भाषा | Updated: November 8, 2021 21:50 IST2021-11-08T21:50:47+5:302021-11-08T21:50:47+5:30

कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक ने पाकिस्तान में सरकार विरोधी धरना खत्म किया
(एम जुलकरनैन)
लाहौर, आठ नवंबर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने पंजाब प्रांत में अपना हफ्ते भर लंबा धरना सोमवार को खत्म कर दिया। इससे पहले इमरान खान नीत सरकार ने कहा था कि उसने कट्टरपंथी संगठन की कुछ ‘जायज मागों को’ मान लिया है।
टीएलपी के प्रदर्शनकारी अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से लाहौर से 150 किलोमीटर दूर वजीराबाद में डेरा डाले हुए थे। उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नीत सरकार से तीन मुख्य मांगें थी कि - पैगंबर मोहम्मद के ईशनिंदा वाला चित्र बनाने के लिए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित किया जाए, टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिज़वी को रिहा किया जाए और समूह पर से प्रतिबंध हटाया जाए।
संघीय सरकार ने रविवार को "बड़े राष्ट्रीय हित का का हवाला देते हुए और 31 अक्टूबर को समूह के साथ हुए गुप्त समझौते के अनुरूप" टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा दिया था।
पंजाब सरकार के एक सूत्र ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि उसके प्रमुख रिजवी की रिहाई कुछ दिन में कर दी जाएगी, हालांकि, टीएलपी की मौजूदा मांगों में फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन शामिल नहीं है।
टीएलपी ने एक बयान में कहा, "हम वजीराबाद में टीएलपी के धरने को खत्म करने का ऐलान करते हैं और प्रदर्शनकारी अब लाहौर में उसके मुख्यालय जाएंगे, क्योंकि सरकार ने समझौते में शामिल हमारी आधी मांगे मान ली हैं।”
इसने कहा कि टीएलपी को उम्मीद है कि सरकार समझौते की शेष मांगों को वादा के अनुसार दिए गए वक्त में पूरा करेगी।
सरकार ने लाहौर में पुलिस के साथ संघर्ष के दौरान और वजीराबाद जाने के दौरान अब तक गिरफ्तार किए गए 1,200 से अधिक टीएलपी कार्यकर्ताओं को भी रिहा कर दिया है। इन संघर्षों में 11कार्यकर्ता और आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।
टीएलपी ने 18 अक्टूबर को लाहौर से प्रदर्शन शुरू किया था और सरकार पर मांगें मानने का दबाव डालने के लिए इस्लामाबाद मार्च करने की घोषणा की थी।
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