जर्मनी में नयी सरकार बनाने के लिए शीघ्र वार्ता करने का दबाव बढ़ा
By भाषा | Updated: September 28, 2021 18:54 IST2021-09-28T18:54:45+5:302021-09-28T18:54:45+5:30

जर्मनी में नयी सरकार बनाने के लिए शीघ्र वार्ता करने का दबाव बढ़ा
बर्लिन, 28 सितंबर (एपी) जर्मनी में नयी सरकार बनाने के लिए वार्ता शुरू करने का दबाव बढ़ गया है जहां नवनिर्वाचित सांसदों ने मंगलवार को पहली बैठक की। वहीं निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल के खेमे में तनाव बढ़ गया है जिसने देश के चुनाव में अपने अब तक के सबसे खराब परिणाम को खारिज कर दिया है।
रविवार को हुए संसदीय चुनाव में जीत हासिल करने वाली ओलफ शोल्ज की मध्यमार्गी वामपंथी सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने नयी सरकार के लिए बातचीत जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई। वहीं जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल के यूनियन ब्लॉक के कई दिग्गजों ने चुनाव में हार का सामना करने वाले आर्मिन लाशेट की ओर से नए प्रशासन की अगुवाई के प्रयास पर प्रश्न उठाए हैं।
देश के वर्तमान हालात में चूंकि कोई भी बड़ी पार्टी ‘‘महागठबंधन’’ दोबारा नहीं बनाना चाहती, ऐसे में तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी ‘ग्रीन्स’’ और ‘फ्री डेमोक्रेट्स’के पास संसदीय बहुमत की चाबी नजर आ रही है।
इन दलों के नेता भी इस सप्ताह मुलाकात करने वाले हैं और सरकार बनाने की परिस्थितियों पर विचार विमर्श करेंगे।
सोशल डेमोक्रेटिक संसदीय समूह के नेता रोफ मुएतजेनिक ने अपनी पार्टी के नव निर्वाचित और निवर्तमान सांसदों की बैठक में कहा, ‘‘ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रेट्स को हमने इस सप्ताह हमारे साथ व्यापक बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। अगर वे चाहें तो वार्ता कर सकते हैं।’’
निवर्तमान वाइस चांसलर शोल्ज ने सोमवार को कहा कि वह क्रिसमस से पहले सरकार बनाना चाहते हैं। जर्मनी में सरकार बनने में हफ्ते या महीने लग सकते हैं।
लाशेट का यूनियन ब्लॉक भी मंगलवार को अपने सांसदों की बैठक बुला रहा है।
गौरतलब है कि निवर्तमान जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की पार्टी को मात देने वाली पार्टी ने सोमवार को गठबंधन सरकार को लेकर त्वरित समझौते पर जोर दिया। पार्टी ने अपना यह रुख इस चिंता के बीच स्पष्ट किया है कि चुनाव में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में हफ्तों तक अनिश्चितता बनी रह सकती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।