सरकार बनाने के विषय पर विशेषज्ञों से सलाह लेंगी नेपाल की राष्ट्रपति :खबर
By भाषा | Updated: May 21, 2021 22:05 IST2021-05-21T22:05:58+5:302021-05-21T22:05:58+5:30

सरकार बनाने के विषय पर विशेषज्ञों से सलाह लेंगी नेपाल की राष्ट्रपति :खबर
काठमांडू, 21 मई नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन से कहा कि वह सरकार बनाने के मुद्दे पर संवैधानिक विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगी। एक खबर में यह दावा किया गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा ने नयी सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से राजनीतिक दलों को दिये गये शुक्रवार शाम पांच बजे तक के समय से कुछ ही मिनट पहले अपने-अपने दावे पेश किये।
ओली ने घोषणा की कि उन्हें प्रतिनिधि सभा में 153 सदस्यों का समथर्न प्राप्त है। उन्होंने एक दिन पहले ही राष्ट्रपति भंडारी से सिफारिश की थी कि नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुरूप नयी सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने एक और शक्ति परीक्षण के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं होने का हवाला दिया था।
ओली ने आज जो पत्र सौंपा उस पर उनके साथ जेएसपी-एन के अध्यक्ष महंत ठाकुर और पार्टी के संसदीय दल के नेता राजेंद्र महतो के हस्ताक्षर थे।
इसी तरह नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया। देउबा प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे।
हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार राष्ट्रपति ने विपक्षी नेताओं से कहा कि वह संवैधानिक विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद फैसला लेंगी।
हालांकि इस दौरान विवाद भी सामने आया जब माधव नेपाल धड़े के कुछ सांसदों ने कहा कि उनके हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया गया है और उन्होंने अपनी पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ प्रधानमंत्री के रूप में विपक्ष के नेता देउबा को निर्वाचित करने के लिए किसी पत्र पर दस्तखत नहीं किये हैं।
अखबार के मुताबिक ओली के विदेश मामलों के सलाहकार राजन भट्टराई ने एक सांसद का पत्र प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी बिना जानकारी के उनके हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया।
सत्तारूढ़ पार्टी में ओली और नेपाल के नेतृत्व वाले धड़ों के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए गठित कार्यबल की बैठक में मौजूद कुछ नेताओं ने भी कहा कि बिना उनकी जानकारी के उनके दस्तखतों का उपयोग किया गया।
इस बीच ओली ने बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।
ओली ने 153 सदस्यों का समर्थन होने का दावा किया है, वहीं देउबा ने दावा किया के उनके पाले में 149 सांसद हैं।
नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 121 सीटों के साथ सीपीएन-यूएमएल सबसे बड़ा दल है। इस समय बहुमत से सरकार बनाने के लिए 136 सीटों की जरूरत है।
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