फिर दहला पाकिस्तान, दो आतंकवादी हमलों में पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत, पुलिस मुख्यालय में घुसा आत्मघाती
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 15, 2023 18:16 IST2023-12-15T18:15:31+5:302023-12-15T18:16:30+5:30
उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में शुक्रवार, 15 दिसंबर को एक क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय और एक नाके पर हुए आतंकवादी हमले में कम से कम पांच कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मौत हो गई। सुरक्षाबलों के जवाबी हमले में चार आंतकवादी भी मारे गए।

फाइल फोटो
Police headquarters comes under attack in Pakistan: उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में शुक्रवार, 15 दिसंबर को एक क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय और एक नाके पर हुए आतंकवादी हमले में कम से कम पांच कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मौत हो गई। सुरक्षाबलों के जवाबी हमले में चार आंतकवादी भी मारे गए।
तीन दिन पहले, इसी क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 23 सैनिकों की मौत हो गई थी। अधिकारियों के मुताबिक पहला हमला खैबर पख्तूनख्वा के टैंक जिले में पुलिस लाइन पर हुआ। हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि चार आतंकवादी भी मारे गए। एक आतंकवादी ने पुलिस कार्यालय और आवास ब्लॉक के मुख्य द्वार पर खुद को उड़ा लिया और अन्य अंदर घुस गये। हमले की जिम्मेदारी एक नए आतंकवादी समूह 'अंसारुल जिहाद' ने ली है।
एक अन्य हमले में, आतंकवादियों ने खैबर आदिवासी जिले के नल्ला बारा तहसील में संयुक्त पुलिस और सुरक्षा बलों की जांच चौकी पर हमला किया, जिसमें फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो सैनिक मारे गए। हमले में छह लोग घायल भी हुए हैं। यह हमला तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) के आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के तीन दिन बाद हुआ है। टीजेपी के हमले में 23 सैनिकों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों के पीछे आतंकी संगठन टीजेपी का हाथ रहा है।
बता दें कि पिछले कुछ सालों से आतंक की नर्सरी पाकिस्तान खुद आतंकियों के निशाने पर है। मौजूदा समय में पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) बनकर उभरा है। 4 नवंबर, 2023 की सुबह पाकिस्तान में वायु सेना के मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर हमले के पीछे भी यही संगठन था।
तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान का इतिहास कुछ खास पुराना नहीं है। यह एक अपेक्षाकृत नया आतंकवादी समूह है। इसने 24 फरवरी को 2023 को अपने गठन की घोषणा की थी। इसकी स्थापना पाकिस्तान के खिलाफ जिहाद छेड़ने के इरादे से की गई थी ताकि इसे एक इस्लामिक राज्य में बदल दिया जा सके। तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान की घोषणा के अनुसार सशस्त्र जिहाद के अलावा, पाकिस्तान में इस्लामी व्यवस्था लागू करना संभव नहीं है। इनके निशाने पर पाकिस्तान के सुऱक्षाबल हैं क्योंकि सेना और सुरक्षाबलों को टीजेपी पाकिस्तान पर थोपी गई सुरक्षा संस्थाएँ कहता है जो शरिया विरोधी व्यवस्था है।