दक्षिणी सूडान में बाढ़ से प्रभावित लोग भयावह जीवन जीने को मजबूर

By भाषा | Updated: January 1, 2021 16:47 IST2021-01-01T16:47:15+5:302021-01-01T16:47:15+5:30

People affected by floods in South Sudan forced to live frightful lives | दक्षिणी सूडान में बाढ़ से प्रभावित लोग भयावह जीवन जीने को मजबूर

दक्षिणी सूडान में बाढ़ से प्रभावित लोग भयावह जीवन जीने को मजबूर

ओल्ड फंगाक (दक्षिणी सूडान), एक जनवरी (एपी) दक्षिणी सूडान में हर ओर से बाढ़ के पानी से घिरी जमीन पर रह रहे परिवारों का जीवन बेहद कठिनाइयों और बुरी स्थितियों से गुजर रहा है। वे गंदगी के बीच से बहकर आए पानी पीने को मजबूर हैं और पानी बढ़ता ही जा रहा है।

इन लोगों की याद में अब तक ऐसी भयानक बाढ़ नहीं आई थी। करीब 10 लाख लोग देश में विस्थापित हैं या महीनों से अलग-थलग पड़े हुए हैं। बारिश के मौसम में लगातार मूसलाधार बारिश से बाढ़ का आना जलवायु परिवर्तन की निशानी भी है। जून में जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ था और बाढ़ का पानी फसलों को बहाने लगा और सड़कों पर भर गया तथा गृह युद्ध से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे इस देश में भूख और बीमारी का संकट पैदा हो गया। यही नहीं अब अकाल भी एक खतरा है।

हाल में द एसोसिएटेड प्रेस ने बेहद प्रभावित जोंगलेई राज्य के ओल्ड फंगक क्षेत्र में लोगों से बातचीत की। यहां रह रहे लोगों का कहना है कि उन्हें खाना और स्वास्थ्य सुविधा की तलाश में घंटों सीने भर पानी में चलना पड़ा। लोग यहां मलेरिया और डायरिया की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। रेगीना नयाकोल पिनी नौ बच्चों की मां हैं। वे अब वांगचोट में एक प्राथमिक विद्यालय में रहती हैं क्योंकि उनका घर जलमग्न हो गया।

उन्होंने कहा, ‘’ हमारे पास यहां खाने के लिए कुछ नहीं है, हम संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों पर निर्भर हैं या फिर जंगल की लकड़ियां जमा करके उसे बेच कर गुजारा कर रहे हैं। मेरे बच्चे पानी की वजह से बीमार हैं और कोई भी चिकित्सा सुविधा मौजूद नहीं है।’’

वांगचोट गांव के प्रमुख जेम्स डांग ने कहा कि उन्होंने बाढ़ को देखते हुए बेहद प्रभावित लोगों को कस्बे के केंद्र में भेजने का निर्णय लिया था क्योंकि कई लोग डूब गए थे और सारी चीजें तेजी से खत्म हो रही थीं। उन्होंने कहा कि अब मवेशी मर रहे हैं और बचे लोगों को सूखे क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।

यहां रह रहे लोग पेड़ों के पत्ते खा रहे हैं और कभी-कभी मछली भी पकड़ते हैं। कई लोग बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत कर रहे हैं। इस क्षेत्र में सरकार के कार्यवाहक उप निदेशक कुछ गाच मोनीधोत ने कहा, ‘‘ दक्षिणी सूडान के लोगों ने इस संकट के समय में राष्ट्रपति सलवा कीर और पूर्व सशस्त्र विपक्ष के नेता रिक माचर के नेतृत्व में विश्वास जताया था लेकिन अब वे हमारे भरोसे पर खरे नहीं उतर रहे।’’

ओल्ड फंगक में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के प्रोजेक्ट समन्वयक डॉरोथी आइ इसोनयूने ने कहा कि हाल में विस्थापित हुए लोग पेड़ों के नीचे बिना चटाई, कम्बल या मच्छरदानी के रह रहे थे।

दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रतिनिधि मेशाक मालो ने देश में शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली पार्टियों से अपील की है कि वे इस स्थिति के पूरी तरह से संकट में बदल जाने से पहले ही इससे निपटें।

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Web Title: People affected by floods in South Sudan forced to live frightful lives

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