पाकिस्तान से भागे और उसकी पोल खोल रहे लोगों को ब्रिटेन में निशाना बनाने की साजिश रच रही है पाक सेना!
By विनीत कुमार | Updated: August 9, 2021 16:05 IST2021-08-09T15:54:03+5:302021-08-09T16:05:44+5:30
पाकिस्तान को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि पाकिस्तानी सेना अपने ही देश के कुछ उन आलोचकों को निशाना बनाने की कोशिश में जुटी है जो ब्रिटेन या यूरोप के अन्य देशों में रह रहे हैं।

ब्रिटेन में आलोचकों को निशाना बनाने में जुटा है पाकिस्तान (फाइल फोटो)
पाकिस्तान से भागे और देश की सेना के रवैयों के आलोचक रहे लोगों को जान से मारने की धमकी मिलने का खुलासा हुआ है। इन लोगों में कुछ पत्रकार, बलुचिस्तान प्रांत से जुड़े रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता और पश्तुन तहाफुज मूवमेंट के कुछ सदस्य शामिल हैं।
द गार्डियन ने द ऑव्जर्वर की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान की सेना के आलोचक रहे ऐसे कई लोग अब लंदन में रहते हैं। सूत्रों के अनुसार ब्रिटेन इसे लेकर चिंतित है।
पाकिस्तान इंटेलिजेंस मुद्दों पर ब्रिटेन का अहम सहयोगी रहा है, हालांकि आशांका है कि ब्रितानी जमीन पर वो कुछ लोगों को निशाना बनाने की कोशिश में जुटा है। आशंकाओं को देखते हुए दूसरे खुफिया सूत्रों ने भी पूरे यूरोप में ऐसे पाकिस्तानी लोगों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया है।
लंदन में पिछले महीने पकड़ा गया था एक संदिग्ध
रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले महीने ईस्ट लंदन से एक शख्स को पकड़ा गया था। ऐसी जानकारी सामने आई है कि ये शख्स किसी और के साथ मिलकर पाकिस्तान से निर्वासित एक ब्लॉगर और राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद वकास गोराया को नीदरलैंड्स में मारने की योजना बना रहा था।
ईस्ट लंदन के फॉरेस्ट गेट के 31 वर्षीय मुहम्मद गोहिर खान को नीदरलैंड से आने के बाद लंदन के सेंट पैनक्रास स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था और उसे बाद में ओल्ड बेली कोर्ट में भी पेश किया गया।
इस बीच पाकिस्तान में ब्रिटेन के पूर्व उच्चायुक्त और संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के शीर्ष राजनयिक रहे मार्क लायल ग्रांट ने कहा है कि अगर पाकिस्तानी सेना से जुड़े लोगों ने ब्रिटेन में निर्वासन में रहे रहे लोगों को धमकी दी है, तो ब्रिटिश सरकार इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेगी।
वहीं, ब्रिटेन के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लायल ग्रांट ने कहा कि पाकिस्तान की खफिया एजेंसी आईएसआई या उसकी सेना की सुरक्षा शाखा द्वारा ब्रिटेन में लोगों को डराने या धमकाने के पुख्ता सबूत सामने आते हैं उसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर ब्रिटिश नागरिकों या ब्रिटेन में वैध रूप से काम करने वाले निवासियों को आईएसआई या किसी और द्वारा परेशान किया जा रहा है या धमकी दी जा रही है तो इस मामले में निश्चित तौर पर ब्रिटिश सरकार दिलचस्पी लेगी।
इमरान खान के सत्ता में आने के बाद बढ़ें हैं ऐसे मामले
पाकिस्तान में 2018 में जब से इमरान खान सेना के समर्थन से सत्ता में आए, वहां के नागरिक अधिकार समूहों ने पत्रकारों पर बढ़ते हिंसक हमलों के साथ प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम जैसे मुद्दे उठाए हैं।
हालांकि अब पाकिस्तान की हिम्मत और बढ़ गई है और वो अपनी सीमाओं के भीतर आलोचना को दबाने के साथ-साथ विदेशों में स्थित अन्य आलोचकों को भी निशाना बनाने की कोशिश में जुटा है।
पिछले साल पाकिस्तानी सरकार के लीक हुए एक मेमो में यूरोप और अमेरिका में स्थित कई पाकिस्तानी पत्रकारों पर छद्म नामों के तहत विदेशी मीडिया के लिए 'देश विरोधी कंटेंट' पेश करने का आरोप लगाया गया था।
इसमें पश्चिमी यूरोप में निर्वासन में रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के पत्रकार का नाम भी शामिल था। नाम न छापने की शर्त पर द ऑब्जर्वर से बात करते हुए पत्रकार ने बताया कि वह भी पाकिस्तान की सेना से जुड़े लोगों के निशाने पर था। पत्रकार ने कहा कि वह जिस देश में रह रहा है, वहां के अधिकारियों ने उसकी जान को खतरा होने की पुष्टि की है।