पाकिस्तान: इमरान खान ने सरकार बचाने के लिए चला दांव, पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहने को कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 30, 2022 07:37 AM2022-03-30T07:37:35+5:302022-03-30T07:42:38+5:30

इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान वाले दिन इससे गैरहाजिर रहने या उस दिन नेशनल असेंबली के सत्र में भाग नहीं लेने को कहा है।

Pakistan news Imran Khan whip to PTI members abstain from no-trust vote, do not attend National Assembly | पाकिस्तान: इमरान खान ने सरकार बचाने के लिए चला दांव, पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहने को कहा

इमरान खान ने पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहने को कहा (फाइल फोटो)

Highlightsइमरान खान ने पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहने का निर्देश दिया है।इमरान खान ने एक चिट्ठी लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, अप्रैल के पहले हफ्ते में वोटिंग संभव।पाकिस्तान में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल नहीं हुआ है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में जुटे प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नया दांव चला है। उन्होंने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान वाले दिन इससे गैरहाजिर रहने या उस दिन नेशनल असेंबली के सत्र में भाग नहीं लेने को कहा है। इमरान खान ने इस निर्देश को जारी करते हुए संसदों को चिट्ठी लिखी है।

इमरान खान ने चिट्ठी में लिखा है, 'नेशनल असेंबली में पीटीआई के सभी सदस्य मतदान से दूर रहें/उस दिन नेशनल असेंबली की बैठक में शामिल नहीं हों जब उक्त प्रस्ताव पर मतदान कराया जाएगा।' उन्होंने कहा कि सभी सदस्य पूरी तरह से उनके निर्देशों का पालन करें और 'पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63(ए) के प्रावधान के पीछे की मंशा' को ध्यान में रखें। 

पाकिस्तान के इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल नहीं किया गया है और खान इस चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं। पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में इस प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा होगी। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो सकता है।

विदेशी साजिश वाली गुप्त चिट्ठी को लेकर भी हंगामा

इस बीच इमरान सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह देश के प्रधान न्यायाधीश के साथ एक ‘पत्र’ साझा करना चाहती है जिसे प्रधानमंत्री ने एक रैली में उन्हें सत्ता से बाहर करने के विदेशी ‘षडयंत्र’ के सबूत के तौर पर दिखाया था। सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ योजना मंत्री असम उमर ने दावा किया कि उन्होंने खुद पत्र देखा है और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान प्रधान न्यायाधीश के साथ इसे साझा करने के लिए तैयार हैं। 

उमर ने कहा कि यह पत्र आठ मार्च को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपने से पहले लिखा गया था लेकिन इसमें साफ तौर पर अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र है, जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा, ‘तो यह स्पष्ट है कि विदेशी साजिश और अविश्वास प्रस्ताव का आपस में संबंध है। ये दोनों अलग चीजें नहीं हैं और हम उनके बीच में स्पष्ट जुड़ाव देखते हैं।’

बहरहाल, उन्होंने इसे विपक्ष के साथ साझा करने से इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने कहा कि पत्र शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व तथा मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के साथ साझा किया गया है। उमर ने यह भी कहा कि लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पत्र में उल्लेखित ‘किरदारों’ में से एक हैं। सूचना मंत्री चौधरी ने दावा किया कि शरीफ ने इजराइली राजनयिकों के साथ बैठकें की थीं। 

उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं कह रहा था कि उन्हें विदेश जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि जब ऐसे लोग विदेश जाते हैं तो वे कठपुतली बन जाते हैं।’ वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता एहसान इकबाल ने कहा, ‘अगर देश की सुरक्षा को विदेश से वाकई खतरा है, तो हम सरकार के साथ हैं।’ 

पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सरकार से बुधवार को संसद का सत्र बुलाने और सांसदों के साथ पत्र साझा करने के लिए कहा। 

(भाषा इनपुट)

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