पाकिस्तान में इमरान खान के भाषणों के टीवी पर लाइव प्रसारण पर लगाई गई रोक
By विनीत कुमार | Updated: August 21, 2022 12:54 IST2022-08-21T12:48:08+5:302022-08-21T12:54:05+5:30
पाकिस्तान में इमरान खान के भाषणों को टीवी पर लाइव दिखाने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।

पाकिस्तान में इमरान खान के भाषणों के लाइव प्रसारण पर रोक (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पर कतरने की कोशिश स्थानीय सरकार ने और तेज कर दी है। सामने आई जानकारी के अनुसार पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने तत्काल प्रभाव से सेटेलाइट टीवी चैनलों पर इमरान खान के भाषणों के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी है। इमरान खान के खिलाफ ये कदम उनके द्वारा देश के संस्थानों और सरकारी अधिकारियों को धमकी दिए जाने के कुछ घंटों बाद उठाई गई है।
आरोपों के अनुसार इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान कथित तौर पर नागरिकों को भड़काने की कोशिश की थी। उन्होंने अपनी रैली में पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही थी। इमरान ने एक मामले में अपने सहयोगी शहबाज गिल की गिरफ्तारी के बाद उनके साथ हुए व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए ये धमकी दी थी।
पीईएमआरए ने शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद टेलीविजन चैनल 'देश के संस्थानों' के खिलाफ सामग्री के प्रसारण को रोकने में विफल रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया है, 'यह देखा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान अपने भाषणों / बयानों में राज्य संस्थानों और अधिकारियों के खिलाफ अपने भड़काऊ बयानों के माध्यम से बेबुनियाद आरोप लगाकर हेट स्पीच फैलाने की कोशिश कर रहे हैं आरोप लगा रहे हैं, जो कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने की संभावना के प्रतिकूल है। इससे सार्वजनिक शांति के भंग होने की संभावना है।'
इमरान खान के रिकॉर्डेड भाषण दिखाए जा सकते हैं
नियामक ने कहा कि इमरान खान के भाषण संविधान के अनुच्छेद 19 के उल्लंघन और मीडिया के लिए आचार संहिता के खिलाफ थे।
पीईएमआरए ने हालांकि अपने निर्देश में कहा है कि इमरान खान के रिकॉर्डेड भाषण के प्रसारण की इजाजत होगी। भाषण की निगरानी और संपादकीय नियंत्रण के साथ इसे चलाया जा सकेगा।
इमरान की शनिवार की रैली का आयोजन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने गिल के साथ एकजुटता व्यक्त करने और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर निशाना साधने के लिए किया था। रैली के दौरान खान ने पाकिस्तान की सेना पर भी हमला किया और गठबंधन सरकार की आलोचना करते हुए लोगों से 'चोरों के गिरोह' की बजाय राष्ट्र के साथ खड़े होने का आग्रह किया।
उन्होंने न्यायपालिका को 'पक्षपातपूर्ण' करार देते हुए उस पर भी निशाना साधा। पाकिस्तानी सेना की ओर से इमरान खान के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल और मुताहिदा कौमी मूवमेंट जैसे राजनीतिक दलों ने न्यायपालिका से इमरान खान और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक महिला जज को धमकाने और पुलिस अधिकारियों को डराने-धमकाने के लिए कार्रवाई की मांग की है।