अवैध निकाह केस में इमरान खान की सजा रद्द, लेकिन जेल में ही रहेंगे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री, जानें मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 13, 2024 17:50 IST2024-07-13T17:48:13+5:302024-07-13T17:50:45+5:30
71 वर्षीय खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को फरवरी में सात साल की सजा सुनाई गई थी। एक अदालत ने उन्हें पिछली शादी से बीबी के तलाक और उसके बीच आवश्यक अंतराल का पालन करने में विफल रहने के कारण इस्लामी कानून तोड़ने का दोषी पाया था।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को अवैध विवाह के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को बरी कर दिया है। हालांकि इससे इमरान को कोई फायदा नहीं होगा और वह दंगे भड़काने के आरोप में जेल में ही रहेंगे।
इस्लामाबाद जिला और सत्र न्यायालय ने इद्दत मामले में खान के खिलाफ "आरोपों को खारिज" कर दिया, जहां एक याचिकाकर्ता ने उनकी शादी की वैधता को चुनौती दी थी। बरी होने के फैसले से इमरान खान को फरवरी में हुए चुनाव से कुछ दिन पहले दी गई सात साल की जेल की सजा रद्द हो गई है।
بشریٰ بی بی نے جس بہادری سے اس فسطائیت و گھٹیا لوگوں اور مقدمے کا سامنا کیا ہے اس پر ان کو پوری قوم کا سلام۔ انہوں نے اپنی ثابت قدمی، وفاداری، بہادری سے گھٹیا مقدمات کا سامنا کر کے معاشرے کی ہر عورت کا سر فخر سے بلند کیا ہے۔ #قومی_لیڈر_پھر_سرخروpic.twitter.com/9vITOz2708
— PTI (@PTIofficial) July 13, 2024
71 वर्षीय खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को फरवरी में सात साल की सजा सुनाई गई थी। एक अदालत ने उन्हें पिछली शादी से बीबी के तलाक और उसके बीच आवश्यक अंतराल का पालन करने में विफल रहने के कारण इस्लामी कानून तोड़ने का दोषी पाया था। बुशरा बीबी के पूर्व पति, खावर फरीद मनेका द्वारा ये केस दर्ज किया गया था।
अदालत में आज, मेनका द्वारा दो आवेदन दायर किए गए थे। एक आवेदन उनकी पूर्व पत्नी बुशरा बीबी की चिकित्सा जांच करने के लिए था, ताकि उनके मासिक धर्म चक्र का पता लगाया जा सके। दूसरे आवेदन में धार्मिक विद्वानों और उलेमाओं को इद्दत की अवधि के विचार-विमर्श के लिए परामर्श के लिए बुलाया गया था। न्यायाधीश ने अपने आदेश में दोनों आवेदनों को खारिज कर दिया और पीटीआई संस्थापक और उनकी पत्नी की रिहाई के आदेश जारी किए।
लेकिन इस्लामाबाद के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अफ़ज़ल मजोका ने अदालत में घोषणा की कि "इमरान खान और बुशरा बीबी दोनों की अपील स्वीकार की जाती है"।
फरवरी के चुनावों से पहले खान को तीन बार दोषी ठहराया गया था। इमरान खान की दलील थी कि ये मामले सत्ता में उनकी वापसी को रोकने के लिए रचे गए थे।
इमरान खान को कुछ राहत भले ही मिली है लेकिन अब भी उनकी चुनौतियां समाप्त नहीं हुई हैं। राजद्रोह की सजा के लिए दस साल की जेल की सजा को अप्रैल में पलट दिया गया था। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामले में मिली 14 साल की सजा को जून में निलंबित कर दिया गया। हालांकि दोषसिद्धि अभी भी कायम है।