पाकिस्तान का सऊदी अरब बनने का सपना हुआ चकनाचूर, कराची पोर्ट के पास नहीं मिला तेल का कोई भंडार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 1, 2019 11:42 IST2019-06-01T11:42:06+5:302019-06-01T11:42:06+5:30

पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मार्च में कहा था कि हमें अरब सागर में तेल के एक बड़े भंडार का पता चला है. तेल और गैस की खोज के साथ ही पाकिस्तान की सभी आर्थिक समस्याएं ख़त्म हो जायेंगी.

Pakistan hopes to found oil reserve around karachi port has been vanished | पाकिस्तान का सऊदी अरब बनने का सपना हुआ चकनाचूर, कराची पोर्ट के पास नहीं मिला तेल का कोई भंडार

पाकिस्तान का सऊदी अरब बनने का सपना हुआ चकनाचूर, कराची पोर्ट के पास नहीं मिला तेल का कोई भंडार

Highlightsपाकिस्तान को हाल ही में आईएमएफ से 6 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिली हैअमेरिकी कंपनी एक्सनमोबिल और इटली की कंपनी ईएनआई इस साल जनवरी से ही तेल की खोज में लगे हुए थे.

पाकिस्तान ने कराची के तटीय इलाकों में तेल की खोज के लिए की जा रही खुदाई बंद कर दी है. इसके लिए वहां की सरकार ने एक अमेरिकी और इटालियन कंपनी को जिम्मा सौंपा था लेकिन 5500 मीटर की खुदाई के बाद भी पाकिस्तान को किसी भी प्रकार के तेल का भंडार नहीं मिला है. इससे पहले खुद इमरान खान ने इलाके में तेल का बड़ा भंडार होने की बात कही थी. 

अमेरिकी कंपनी एक्सनमोबिल और इटली की कंपनी ईएनआई इस साल जनवरी से ही तेल की खोज में लगे हुए थे. लेकिन अब इन कंपनियों ने प्रोजेक्ट को बंद करने का फैसला लिया है. 

इमरान खान और पाक का आर्थिक संकट 

पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मार्च में कहा था कि हमें अरब सागर में तेल के एक बड़े भंडार का पता चला है. तेल और गैस की खोज के साथ ही पाकिस्तान की सभी आर्थिक समस्याएं ख़त्म हो जायेंगी. 5 महीने की खुदाई के बाद पाकिस्तान ने इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है. 

भारत और लीबिया का उदाहरण

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालात ख़राब है. ऐसे में इमरान सरकार सोच रही थी कि तेल की खोज के बाद पाकिस्तान अन्य देशों को तेल निर्यात कर अपनी अर्थव्यवस्था सुधार लेगा. खैर, वहां के जल संसाधन मंत्री सैय्यद अली हैदर ने कहा है कि हमने अभी तक तेल की खोज के मात्र 18 प्रयास ही किए हैं. भारत को 43 वें और लीबिया को 58 वें प्रयास में सफलता प्राप्त हुई थी. 

पाकिस्तान को हाल ही में आईएमएफ से 6 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिली है जिसमें कई तरह की शर्तें शामिल हैं, जिसके कारण पाकिस्तान के शेयर मार्केट में पिछले 17 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. पाकिस्तानी मुद्रा डॉलर के मुकाबले 150 रुपये के पार पहुंच चुकी है. महंगाई दर लगातार बढती जा रही है और यह जल्द ही दहाई के अंक को छूने वाली है. 

आईएमएफ ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज देने से पहले कई कड़ी शर्तों का प्रावधान किया था जिसमें सरकार द्वारा देश की जनता पर 750 अरब के नए टैक्स लगाने की बात भी थी. 

Web Title: Pakistan hopes to found oil reserve around karachi port has been vanished

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