'यूएनजीए में पाकिस्तान दे सकता है नफरत फैलाने वाला भाषण, लेकिन अब असरदार नहीं होगी ये चाल'

By भाषा | Published: September 21, 2019 10:15 AM2019-09-21T10:15:22+5:302019-09-21T10:15:22+5:30

गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अकबरुद्दीन ने कहा कि यूएनजीए सत्र के दौरान कश्मीर को लेकर पाकिस्तान जहर उगल सकता है, मैं बता देना चाहता हूं कि यह ज्यादा समय तक काम करने वाला नहीं है।

Pakistan can deliver hate speech at UNGA, but our preparations are complete says Syed akabaruddin | 'यूएनजीए में पाकिस्तान दे सकता है नफरत फैलाने वाला भाषण, लेकिन अब असरदार नहीं होगी ये चाल'

'यूएनजीए में पाकिस्तान दे सकता है नफरत फैलाने वाला भाषण, लेकिन अब असरदार नहीं होगी ये चाल'

Highlightsपाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएनजीए के सत्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने की बात कही है। अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की खास बातें और प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यदि पाकिस्तान अगले सप्ताह यहां होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में कश्मीर मामला उठाकर अपना स्तर ‘‘नीचे गिराता’’ है तो भारत का स्तर और ऊंचा उठेगा। उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान नफरत फैलाने वाले भाषण को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर सकता है जो अतीत में भी आतंकवाद को सामान्य बताने की कोशिश करता रहा है। 

गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अकबरुद्दीन ने कहा कि यूएनजीए सत्र के दौरान कश्मीर को लेकर पाकिस्तान जहर उगल सकता है, मैं बता देना चाहता हूं कि यह ज्यादा समय तक काम करने वाला नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएनजीए के सत्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन देने का कार्यक्रम भी उसी दिन है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आपको बताया कि इस मामले को लेकर हमारा दृष्टिकोण क्या है, हमारी तैयारी क्या है और कैसे हम अपने पिछले अनुभवों से बहुत अलग तरीके से काम कर रहे हैं। लेकिन कोई ऐसा हो सकता है जो ऐसे मुद्दे को उठाना चाहता है जो वह पहले भी उठा चुका है।’’ अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘अब आपका सवाल है कि यदि वे और अधिक तीखा हमला करें, और अधिक तीक्ष्ण तरीके से मामले को उठाए तो क्या?’’ 

उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान कश्मीर मुद्दा उठने की उम्मीद है, और यदि ऐसा है, तो भारत इससे कैसे निपटेगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? यह हर देश पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक मंच पर किस रूप में पहुंचना चाहता है। कुछ ऐसे होंगे जो अपना स्तर गिराएंगे। उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया होगी कि हम और ऊंचे उठेंगे। वह नीचे गिरेंगे लेकिन हमारा स्तर तो ऊपर उठेगा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘आप जो मुझसे कह रहे हैं, वह इससे कहीं अधिक होगा, खासकर एक देश की तरफ से तो बहुत अधिक होगा। यदि ऐसा है तो हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? तो मैं आपको बता दूं कि यह हर देश पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक मंच पर किस रूप में पहुंचना चाहता है। कुछ ऐसे होंगे जो अपना स्तर गिराएंगे। उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया होगी कि हम और ऊंचे उठेंगे। वे नीचे गिरेंगे लेकिन हमारा स्तर तो ऊपर उठेगा।’’ 

अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की खास बातें और प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की बहुपक्षीय और द्विपक्षीय व्यस्तताओं और बैठकों के ढेर सारे उदाहरण इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारत का कद कितना ऊंचा होगा। 

पाकिस्तान का जिक्र करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘वे जो करना चाहते हैं, उनकी इच्छा है। हमने उन्हें अतीत में आतंकवाद को मुख्यधारा में लाने की कोशिश करते हुए देखा है। और अब जो आप मुझे बता रहे हैं, वह यह है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। वे ऐसा करना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है। वह जो जहर उगल रहे हैं, यह बहुत लंबे समय तक काम नहीं करने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि हम ऊंचा उठेंगे। हमने आपको उदाहरण दिये कि हम कैसे नीचे की ओर नहीं जाएंगे। जब वे नीचे गिरेंगे तो हम ऊंचे उठेंगे।’’ 

कश्मीर पर भारत के कदम पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए, पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों को कमतर कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को हटा दिया। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने यह बार-बार कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाना उसका ‘‘आंतरिक मामला’’ है। भारत, पाकिस्तान से वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी बयानबाजी को बंद करने के लिए कह चुका है। 

इस बीच अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में एक विचारोत्तेजक लेख में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। उन्होंने लिखा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद और अधिक समृद्ध जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की संभावनाओं से पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक रही है। पूरी दुनिया में आतंकवादी हमलों पर पाकिस्तान की छाप है। 

श्रृंगला ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में समृद्धि के रास्ते में बाधा पैदा करने में पाकिस्तान का निहित स्वार्थ है क्योंकि कमजोर अर्थव्यवस्था कुछ तबकों में अलगाववादियों की भावनाओं को भड़काने का काम करती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह आतंकवाद को राजनीतिक औजार के तौर पर इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की वृहद रणनीति में फिट बैठता है।’’

Web Title: Pakistan can deliver hate speech at UNGA, but our preparations are complete says Syed akabaruddin

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