जो बाइडेन ने बिलावल भुट्टो जरदारी को दिया शपथ ग्रहण समारोह का न्योता, 20 को होगा कार्यक्रम
By अमित कुमार | Updated: January 12, 2021 18:48 IST2021-01-12T18:43:35+5:302021-01-12T18:48:49+5:30
20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति बाइडेन का शपथ ग्रहण समारोह होना है। रिपोर्ट की मानें तो इस समारोह के लिए पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी को भी न्योता भेजा गया है।

पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता मिला है। बिलावल भुट्टो जरदारी इस बुलावे से काफी खुश होंगे। इस समारोह का निमंत्रण बिलावल भुट्टो और उनके पिता, पार्टी के सह-अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को दिया गया है।
बिलावल भुट्टो जरदारी इस समारोह में शामिल होने के लिए जा सकते हैं। लेकिन उनके पिता के लिए अमेरिका जाना संभव नहीं होगा। दरअसल, बिलावल भुट्टो के पिता का नाम पाकिस्तान के एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल है। जिसके तहत वह देश को छोड़कर दूसरे देश नहीं जा सकते। एग्जिट कंट्रोल लिस्ट सरकार द्वारा बनाई गई एक ऐसी लिस्ट है, जिसमें उन लोगों के नाम है जिन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं है।
इमरान खान के सरकार पर निशाना साध रहे बिलावल भुट्टो जरदारी
हालांकि, पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी द्वारा अभी तक निमंत्रण की खबर की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया द्वारा कई स्रोतों का हवाला दिया गया है। बता दें कि हाल ही में बिलावल भुट्टो ने इमरान सरकार को एक कठपुतली की सरकार बताया और कहा कि इसको हटाकर अब लोकतंत्र को बहाल करना होगा। इसके लिए देश की आवाम को एकजुट होना होगा।
बाइडेन के पास भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने का अवसर
वहीं एशिया सोसायटी ने निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन से स्वास्थ्य, डिजिटल और जलवायु सहयोग के क्षत्र में द्विपक्षीय साझेदारी का दायरा बढ़ाने की अपील की है। सोसायटी ने कहा कि बाइडेन के पास भारत के साथ व्यापक साझेदारी कायम कर रिश्तों को मजबूत करने और उन्हें आगे ले जाने का अवसर है, जो एशिया में अमेरिकी नीति के कम आ सकता है। सोसायटी ने बाइडेन से एक ऐसे वाणिज्यिक एजेंडे पर चलने का अनुरोध किया जिसमें सुधारों और खुलेपन पर जोर दिया गया हो। एशिया सोसायटी ने अपनी एक रिपोर्ट में ये बातें कही हैं।