जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्रिमंडल के लोग अलग-अलग बयान देकर आग उगल रहे हैं। इमरान खान ने परमाणु हमला की बात कर दी है। उन्होंने कहा कि इसका पूरा विश्व देखेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठायेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को लोगों का आह्वान किया कि वे कल (शुक्रवार को) दोपहर बारह से साढ़े बारह बजे के बीच अपने घरों, दफ्तरों या वे जहां कहीं भी हों, वहां बाहर निकलें और कश्मीरियों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करें। इमरान ने एक ट्वीट में कहा कि 'कल (शुक्रवार को) पूरी पाकिस्तानी कौम दोपहर 12 से 12.30 के बीच सड़कों पर निकले और कश्मीरी अवाम को संदेश दे कि वह भारत के फासीवादी जुल्म के खिलाफ उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।'
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर है कि खान 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। अखबार ने अंदरूनी सूत्रों के हवाले बताया कि खान ने अपनी पार्टी को न्यूयार्क में इस सम्मेलन के दौरान भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करने के लिए समुदाय के सदस्यों और एवं मानवाधिकार संगठनों को लामबंद करने का निर्देश दिया है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों का निरस्त करना उसका अंदरूनी मामला है । उसने पाकिस्तान को भी इस सच्चाई को स्वीकार करने की सलाह दी है।
अखबार की खबर है कि खान 23 सितंबर को चार दिन की अमेरिका यात्रा पर जायेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के मौके पर अपने मलेशियाई समकक्ष एवं अन्य वैश्विक नेताओं के साथ बैठक करेंगे। वह प्रवासी पाकिस्तानियों और व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे। भाषा राजकुमार नरेश नरेश
पाकिस्तान की मंत्री ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र को लिखा पत्र
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने कश्मीर में भारत पर ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों’ का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को पत्र लिखा । संयुक्त राष्ट्र के 18 संबंधित विशेष अधिकारियों को लिखे पत्र में माजरी ने उनसे कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के कथित उल्लंघन को बंद करवाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट तौर पर कह चुका है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों का निरसन उसका अंदरूनी मामला है और उसने पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार करने की सलाह भी दी। माजरी ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह भारत से अनुरोध करे कि वह कश्मीर में संचार पाबंदियां खत्म करे, अपने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों को पूरा करे और अपने सुरक्षाबलों का आचरण संयुक्त राष्ट्र नियमों के अनुकूल सुनिश्चित करे।