सुरक्षा परिषद में हमारा प्रदर्शन फिर दिखाता है कि दुनिया को प्रमुख मंच पर भारत की जरूरत है: तिरुमूर्ति

By भाषा | Updated: December 30, 2021 19:41 IST2021-12-30T19:41:19+5:302021-12-30T19:41:19+5:30

Our performance in the Security Council again shows that the world needs India on a major platform: Tirumurti | सुरक्षा परिषद में हमारा प्रदर्शन फिर दिखाता है कि दुनिया को प्रमुख मंच पर भारत की जरूरत है: तिरुमूर्ति

सुरक्षा परिषद में हमारा प्रदर्शन फिर दिखाता है कि दुनिया को प्रमुख मंच पर भारत की जरूरत है: तिरुमूर्ति

(योशिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 30 दिसंबर संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि दुनिया को प्रमुख मंच पर भारत की स्थायी सदस्य के रूप में जरूरत है।

विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने एक वीडियो में कहा, ‘‘भारत ने निर्वाचित सदस्य के रूप में आठवीं बार सुरक्षा परिषद में अपना स्थान ग्रहण किया... सुरक्षा परिषद में अब तक हमारी उपस्थिति का मुख्य आकर्षण अगस्त में हमारी अध्यक्षता रही है।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक विशेष वीडियो पोस्ट किया जिसमें भारत द्वारा सुरक्षा परिषद में अपनी कई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है।

वीडियो 2021 में सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत की यात्रा का वर्णन करता है, जिसमें अगस्त में 15 देशों की सदस्यता वाली परिषद की अध्यक्षता, आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, अफगानिस्तान, म्यांमार, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और जलवायु कार्रवाई जैसे मुद्दों से संबंधित ब्योरा शामिल है।

तिरुमूर्ति ने कहा, "हमारा प्रदर्शन फिर से संकेत देता है कि दुनिया को प्रमुख मंच पर स्थायी सदस्य के रूप में भारत की जरूरत है।"

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को वीटो शक्ति के साथ स्थायी सदस्यता दिए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी बने। उन्होंने नौ अगस्त को समुद्री सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग विषय पर उच्चस्तरीय सत्र की अध्यक्षता की थी।

यह अगस्त में परिषद की भारत द्वारा अध्यक्षता किए जाने के दौरान उस समय हुआ जब अफगानिस्तान में स्थिति तेजी से बिगड़ी और जब सुरक्षा परिषद को इस मुद्दे पर बिना किसी देरी के कार्रवाई करने की आवश्यकता थी।

तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान पर प्रस्ताव 2593 को भारत की अध्यक्षता में अपनाया गया था, जो यह कहता है कि अफगानिस्तान की धरती का अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और काबुल में अधिकारी सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिनमें 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा नामित लोग भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि भारत ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को सुरक्षा परिषद में लाने के देशों के प्रयास का भी कड़ा विरोध किया था।

तिरुमूर्ति ने इस महीने की शुरुआत में परिषद की बैठक में कहा था कि जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के मामले में भारत किसी से पीछे नहीं है लेकिन सुरक्षा परिषद हर मुद्दे पर चर्चा करने की जगह नहीं है। उन्होंने कहा था कि वास्तव में, ऐसा करने का प्रयास उचित मंच पर जिम्मेदारी से बचने की इच्छा से प्रेरित प्रतीत होता है।

तिरुमूर्ति ने वीडियो में कहा कि भारत हमेशा लोकतंत्र का समर्थन करता रहा है, चाहे यह म्यांमार में हो या अफ्रीका में और विकासशील दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर, भारत उनके हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत आवाज रहा है।

उन्होंने कहा, "विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता हमारे प्रदर्शन में परिलक्षित होती है।

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