इस्लामाबाद, 19 अगस्त:पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा हो चुकी है। इसमें साल 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान विदेश मंत्री रहे कुरैशी को दोबारा विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि घोषित किए गए 21 नामों में से 16 मंत्री होंगे जबकि पांच अन्य प्रधानमंत्री के सलाहकार के तौर पर अपनी ड्यूटी निभाएंगे।
इसमें तीन महिलाएं शिरीन मजारी, जुबैदा जलाल और फहमिदा मिर्जा भी मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। उल्लेखनीय है इस्लामबाद निवासी शिक्षाविद डॉ. शिरीन मजारी भारत पर परमाणु हमले की वकालत कर चुकी हैं। साल 1999 में जब भारत-पाकिस्तान में कारगिल युद्ध चल रहा था तब उन्होंने अक्टूबर 1999 में एक लेख लिखा था, इसमें उन्होंने भारत पर परमाणु हमला कर देने की सलाह दी थी। यहां तक कि उन्होंने तब तत्कालीन रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से मुलकात का भी हवाला दिया था।
गौरतलब है कि शिरीन मजारी पाकिस्तान के इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटजिक स्टडीज की महानिदेशक भी रह चुकी हैं। वह इमारन की पार्टी पीटीआई की विदेश नीति की इंचार्ज भी रही हैं। वह इस कार्यकाल में भी कुरैशी के साथ मिलकर काम कर सकती हैं। वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी से विदेश नीति, इतिहास पर पीएचडी कर चुकी हैं। वह पाकिस्तानी अखबार द नेशन का संपादन भी चुकी हैं। उनको सबसे ज्यादा चर्चा मिली थी जब उन्होंने एक अमेरिकी पत्रकार को सीआईए का जासूस बताया था।
ऐसी उम्मीद जताई जताई जा रही है कि इमरान खान के पाकिस्तान में काबिज होने से भारत के साथ पड़ोसी देश के रिश्ते ठीक सुधर सकते हैं। लेकिन पाकिस्तान मामलों के रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल का कहना है कि इमरान सेना और आतंकियों के मोहरे हैं। उनके देश के पीएम रहने ना रहने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी यही कहा है। उनके मुताबिक भी पीएम बदलने से पाकिस्तान का भारत के प्रति रवैया नहीं बदेगा।
पीटीआई प्रवक्ता फवाद चौधरी ने बताया कि नए मंत्रिमंडल के सोमवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने की संभावना है। चौधरी द्वारा टि्वटर पर साझा की गई सूची के अनुसार, कुरैशी को विदेश मत्री, परवेज खट्टक को रक्षा मंत्री और असद उमेर को वित्त मंत्री बनाया गया है। रावलपिंडी के शेख राशिद को रेल मंत्री नियुक्त किया गया है। मंत्री का दर्जा रखने वाले पांच सलाहकारों में पूर्व बैंकर इशरत हुसैन, कारोबारी अब्दुल रज्जाक दाऊद और बाबर अवान जैसे प्रतिष्ठित चेहरे शामिल हैं।