अब दुनिया में तेजी से फैल रहा है जानलेवा डिसीज-एक्स का खतरा, कोरोना से कई गुणा अधिक खतरनाक

By अनुराग आनंद | Updated: January 4, 2021 08:32 IST2021-01-04T08:20:26+5:302021-01-04T08:32:47+5:30

इससे पहले कांगो के इगेंडे में एक महिला मरीज को खून आने के साथ बुखार (हेमोरेजिक) के लक्षण देखे गए हैं. इस मरीज की इबोला जांच कराई गई लेकिन यह निगेटिव आई है. डॉक्टरों को डर है कि यह डिजीज एक्स की पहली मरीज है.

Now the risk of deadly disease-X is spreading rapidly in the world, many times more dangerous than Corona | अब दुनिया में तेजी से फैल रहा है जानलेवा डिसीज-एक्स का खतरा, कोरोना से कई गुणा अधिक खतरनाक

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsनया वायरस कोरोना वायरस की तरह ही तेजी से फैल सकता है, लेकिन इससे मरने वालों की संख्या इबोला से भी 50 से 90 फीसदी ज्यादा है. एक्सपर्ट का कहना है कि भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा घातक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी.

वाशिंगटन: कोविड-19 महामारी की मार झेल रही पूरी दुनिया पर अब एक और वायरस का खतरा मंडराने लगा है. इबोला की खोज करने वाले डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि दुनिया में एक और महामारी बहुत तेजी से फैल रही है. इस महामारी को डिजीज एक्स कहा जा रहा है, जो इबोला की तरह से ही बहुत घातक है.

वर्ष 1976 में इबोला वायरस की खोज करने में सहायता देने वाले प्रोफेसर जीन-जैक्स मुयेम्बे तामफूम ने कहा कि मानवता अज्ञात संख्या में नए वायरस का सामना कर रही है. अफ्रीका के वर्षा वनों से नए और घातक वायरस के पैदा होने का खतरा पैदा हो गया है.

भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा घातक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी: एक्सपर्ट

कांगो की महिला में रहस्यमय बुखार के लक्षण अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में प्रोफेसर जीन ने कहा, आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं जहां नए वायरस बाहर आएंगे और ये वायरस मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे.मेरा मानना है कि भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा घातक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी.

इससे पहले कांगो के इगेंडे में एक महिला मरीज को खून आने के साथ बुखार (हेमोरेजिक) के लक्षण देखे गए हैं. इस मरीज की इबोला जांच कराई गई लेकिन यह निगेटिव आई है. डॉक्टरों को डर है कि यह डिजीज एक्स की पहली मरीज है.नया वायरस कोरोना की तरह ही तेजी से फैल सकता है, लेकिन इससे मरने वालों की संख्या इबोला से भी 50 से 90 फीसदी ज्यादा है.

इबोला से अधिक घातक है डिजीज एक्स- 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजीज एक्स महामारी अभी परिकल्पना है लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही मच जाएगी.प्रोफेसर जीन ने ही पहली बार रहस्यमय वायरस से पीडि़त मरीज के रक्त के नमूने लिए थे जिसे बाद में इबोला नाम दिया गया. इबोला का जब पहली बार पता चला तो यामबूकू मिशन हॉस्पिटल में 88 फीसदी मरीजों और 80 फीसदी कर्मचारियों की मौत हो गई.

इबोला होने पर खून बहने लगता था और मरीज की मौत हो जाती है. प्रो.जीन ने जिस रक्त नमूने को लिया था, उसे बेल्जियम और अमेरिका भेजा गया जहां वैज्ञानिकों ने पाया कि खून में वार्म के आकार का वायरस मौजूद है. अब प्रोफेसर जीन ने चेतावनी दी है कि मरीजों से इंसानों में आने वाली कई और बीमारियां आने वाली हैं.

हर तीन से चार वर्ष में आ रहा नया वायरस-

 ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के अनुसंधान के मुताबिक हर तीन से चार साल के अंतराल में एक नया वायरस दुनिया में दस्तक दे रहा है. विश्वविद्यालय के पो्रफेसर मार्क वूलहाउस के अनुसार ज्यादातर वायरस पशुओं से आ रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर जंगली जानवरों को काटा गया तो इबोला और कोरोना वायरस जैसी महामारी को बढ़त मिलेगी. वुहान जैसे वेट मार्केट में रखे गए जिंदा जानवर ज्यादा बड़ा खतरा हैं और इन जानवरों में से किसी के अंदर डिजीज एक्स महामारी मौजूद हो सकती है.

(लोकमत हिंदी ब्यूरो एजेंसी)

Web Title: Now the risk of deadly disease-X is spreading rapidly in the world, many times more dangerous than Corona

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