वेलिंगटन: न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में गोलीबारी करके 51 लोगों की हत्या का दोष स्वीकार करने वाले ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति ने अपने वकीलों की सेवाएं लेने से इनकार कर दिया है और वह अगले महीने सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत में अपना प्रतिनिधित्व स्वयं करेगा।
श्वेत लोगों को सर्वश्रेष्ठ समझने वाले ब्रेंटन हैरिसन टारंट ने क्राइस्ट चर्च में 2019 में गोलीबारी कर आंतकवादी गतिविधि में शामिल होने, 51 लोगों की हत्या करने और 40 लोगों की हत्या की कोशिश करने का अपराध मार्च में स्वीकार किया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से उसे सजा सुनाने वाली सुनवाई में विलंब हुआ है।
अब यह सुनवाई 24 अगस्त को क्राइस्टचर्च में शुरू होगी। तारीख की पुष्टि सोमवार को क्राइस्टचर्च के हाई कोर्ट ने की। टारंट के वकीलों शैन टेट और जोनाथन हडसन ने अदालत को बताया कि टारंट ने उन्हें हटने का निर्देश दिया है क्योंकि वह खुद ही अपना प्रतिनिधित्व करने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहता है।
गौरतलब है कि 15 मार्च, 2019 को टैरंट ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में अंधाधुंध गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। बाद में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने मस्जिद में हुए इस हमले को सुनियोजित आतंकवादी हमला भी करार दिया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि न्यूजीलैंड के लिए ये एक काल दिन है। इस घटना के बाद न्यूजीलैंड की संसद ने बंदूक रखने के नियमों में बदलाव किए थे।