आंखों की खराब रोशनी ठीक करने के लिए नयी, सरल व किफायती पद्धति विकसित

By भाषा | Published: April 13, 2021 04:45 PM2021-04-13T16:45:12+5:302021-04-13T16:45:12+5:30

New, simple and economical method developed for correcting poor eyesight | आंखों की खराब रोशनी ठीक करने के लिए नयी, सरल व किफायती पद्धति विकसित

आंखों की खराब रोशनी ठीक करने के लिए नयी, सरल व किफायती पद्धति विकसित

(एचएस राव)

लंदन, 13 अप्रैल शोधकर्ताओं ने आंखों की खराब हो चुकी रोशनी को ठीक करने के लिए एक सरल व किफायती पद्धति विकसित की है और विशेषज्ञों का कहना है कि नया तरीका आंखों की ऐसी समस्याओं के इलाज में व्यापक बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है।

एक भारतीय चिकित्सक और ब्रिटेन स्थित एक शोधकर्ता ने संयुक्त रूप से इस पद्धति को विकसित किया है। भारत में हैदराबाद स्थित एल.वी. प्रसाद नेत्र संस्थान के नेत्र रोग विशेषज्ञ वीरेंद्र सांगवान और शेफील्ड विश्वविद्यालय में ऊतक इंजीनियर प्रोफेसर शीला मैकनील द्वारा किए गए इस अध्ययन में कॉर्निया की रक्षा करने वाली क्षतिगस्त कोशिकाओं के इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग किया गया है।

शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भारत में मरीजों के लिए पहली बार 2012 में विकसित इस पद्धति का अब यहां इस देश में खासा उपयोग किया जा रहा है तथा दुर्घटना या बीमारी से क्षतिग्रस्त आंखों के उपचार के क्षेत्र में इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि इस पद्धति की सफलता के बावजूद अन्य देशों के सर्जनों द्वारा इसे व्यापक रूप से नहीं अपनाया गया है।’’

ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक नयी रिपोर्ट से पता चलता है कि यह पद्धति अन्य देशों में नेत्र सर्जनों द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक के समान ही प्रभावी है और उसकी तुलना में नयी पद्धति पर सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च आता है।

नयी तकनीक काफी सफल है लेकिन दुनिया में करीब 12 केंद्रों में रोगियों का इस पद्धति से इलाज किया जा रहा है। यूरोप में केवल एक ही कंपनी है जो इस पद्धति को वाणिज्यिक आधार पर पेश कर रही है।

शेफील्ड और भारत के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित प्रक्रिया मौजूदा पद्धति की अपेक्षा बहुत सरल है।

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Web Title: New, simple and economical method developed for correcting poor eyesight

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