नवाज शरीफ कर सकते हैं वतन वापसी, इमरान खान की सियासी विदाई के बाद पाकिस्तान में बदले हालात
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 11, 2022 03:13 PM2022-04-11T15:13:02+5:302022-04-11T15:18:02+5:30
पाकिस्तान के बदले सियासी हालात में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वतन वापसी कर सकते हैं। लाहौर हाईकोर्ट ने नवंबर 2019 में शरीफ को इलाज के लिए लंदन जाने की चार सप्ताह की अनुमति दी थी। लेकिन उसके बाद से शरीफ पाकिस्तान लौटे ही नहीं।
इस्लामाबाद: लंदन में निर्वासन की जिंदगी बिता रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ईद के बाद अगले महीने लंदन से वतन वापसी कर सकते हैं।
इस मामले में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के एक वरिष्ठ नेता मियां जावेद लतीफ ने कहा है कि देश की मौजूदा सियासी हालात के बीच पीएमएल-एन सुप्रीमो और तीन बार पाकिस्तान की कमान संभाल चुके नवाज शरीफ की वतन वापसी पर जल्द ही सहयोगी दलों के साथ चर्चा की जाएगी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने मियां जावेद लतीफ के हवाले से कहा कि इस विषय पर कोई भी फैसला गठबंधन के घटक दलों के आपसी तालमेल के बाद लिया जाएगा। वहीं मुस्लिम धर्म गुरुओं का मानना है कि मई के पहले हफ्ते में पाक त्योहार ईद मनाई जाएगी।
मालूम हो कि जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पनामा पेपर्स मामले में सत्ता से अपदस्थ किये गये 72 साल के नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के कई मुकदमों में फंसे थे। लाहौर हाईकोर्ट ने नवंबर 2019 में शरीफ को इलाज के लिए लंदन जाने की चार सप्ताह की अनुमति दी थी।
जिसके बाद शरीफ अपनी बेटी मरियम के साथ लंदन रवाना हुए लेकिन आज तक उन्होंने वतन वापसी नहीं की है। हालांकि शरीफ की बेटी मरियम ने बाद में वतन वापस आ गई थीं। जबकि शरीफ ने लाहौर हाईकोर्ट ने डॉक्टरों द्वारा द्वारा यात्रा करने के लिए स्वस्थ और फिट घोषित किए जाने के अपने रिकॉर्ड का हवाला देते हुए पाकिस्तान लौटने का वचन दिया था।
हाईकोर्ट ने शरीफ को अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में भी जमानत दी गई थी, जिसमें वह लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे थे। मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा करते हुए मियां जावेद लतीफ ने कहा कि गठबंधन सरकार छह महीने से अधिक नहीं चलेगी और मौजूदा परेशानी का एकमात्र हल है कि देश में नए सिरे से चुनाव कराए जाए।
मालूम हो कि रविवार तड़के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तानी असेंबली में पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव के कारण सत्ता से बेदखल होने वाले पहले प्रधानमंत्री बनने के बाद शरीफ की पाकिस्तान वापसी की चर्चा पूरे मुल्क में है।
इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे पारित करने के लिए 342 सदस्यों वाली संसद में 172 वोटों की आवश्यकता थी और उसे पारित करने के लिए 174 सांसदों ने अपना समर्थन दिया था। जिसके कारण इमरान खान प्रधानमंत्री से भूतपूर्व प्रधानमंत्री हो गये।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने देश में साढ़े तीन साल से अधिक समय तक शासन किया लेकिन सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी को हर समय संघर्ष करना पड़ा और अंत में उनके साथ सत्ता में भागीदार रहे दलों ने संयुक्त विपक्ष के साथ हाथ मिलाकर इमरान को सत्ता से बेदखल कर दिया।
इमरान खान की सत्ता विदाई में मददगार रहने वाली सुप्रीम कोर्ट की नवाज शरीफ ने गुरुवार को तारीफ की और कोर्ट द्वारा नेशनल असेंबली को बहाल करने के फैसले की सराहना की, जब डिप्टी स्पीकर ने इमरान खान के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि इस फैसले की घोषणा की गई है। इस प्रधानमंत्री ने तो पाकिस्तान के आवाम को भूखा रखा है।"
नवाज ने कहा, "मैं मुल्क की आवाम को बधाई देना चाहता हूं। आवाम ने ऐसे शख्स से छुटकारा पा लिया है, जो मुल्क को बर्बादी की राह पर ले जा रहा था। उसने आम लोगों को बदहाली में रखा। डॉलर आज 200 पर पहुंच गया है और आवाम बढ़ती हुई महंगाई से निराश है।"