नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से ही पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर है। चीन की सेना अपने भारी हथियारों के साथ ताइवान के तट से थोड़ी ही दूरी पर अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है। इस बीच जापान पहुंची नैंसी पेलोसी ने बताया कि चीन की सख्त आपत्ति के बाद भी उन्होंने ताइवान का दौरा क्यों किया। जापान में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पेलोसी ने अपने हलिया ताइवान दौरे के बारे में खुलकर बात की और कहा कि उनका दौरा यथास्थिति बदलने के लिए नहीं था। पेलोसी ने कहा कि चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की है, लेकिन वो हमें ताइवान जाने से रोककर उसे अलग-थलग नहीं कर सकेगा। हम चीन को ऐसा करने नहीं देंगे।"
जापान में पेलोसी की संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिका के विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन ग्रेजरी मीक्स भी उनके साथ मौजूद रहे। ग्रेजरी मिक्स ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हम यहां ताइवान की स्थिति में बदलाव करने नहीं आए, बल्कि हम अपने सभी दोस्तों और सहयोगियों से बात करना चाहते थे। ताइवान ने एक बार भी ये नहीं कहा कि हमें नहीं आना चाहिए था। बल्कि उन्होंने हमारे आने के लिए धन्यवाद कहा। अगर हम न आते तो लोग सवाल कर रहे होते कि आप कहां हैं? हम लोकतंत्र के लिए बोलते रहेंगे। ये दौरा भी इसी बारे में था।"
बता दें कि चीन की सख्त आपत्ति के बाद भी नैंसी पेलोसी बीते मंगलवार को ताइवान पहुंची थीं और राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात की थी। पेलोसी की इस यात्रा को चीन अपनी वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ मानता है। पेलोसी की यात्रा के बाद से ही चीन भड़का हुआ है। ताइवान के तट के नजदीक युद्धभ्यास कर रहे चीन ने ताइवान के पास 11 मिसाइलें दागी हैं। ताइवान की सरकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। चीन ने ताइवान के समुद्री इलाके को निशाना बनाते हुए 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से पांच जापान के इलाके में गिरी हैं।