वाशिंगटन, डी.सी. (यूएसए): रूस-यूक्रेन युद्ध को डी-एस्केलेट करने में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। कई लोगों को गलतफहमी है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं फिर से कहना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं है। हमारा एक पक्ष है और हमार पक्ष है शांति। मैंने राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में मीडिया के सामने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है..युद्ध के मैदान में समस्याओं के समाधान नहीं निकलते हैं वो टैबल पर चर्चा करके ही निकलता है..."
भारत का लगातार प्रयास रहा है कि दोनों पक्ष जिसमें मौजूद हों, वैसे फोरम में बातचीत होगी तब कोई रास्ता निकलेगा। पीएम मोदी ने यहां युद्ध विराम को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ट्रंप जो प्रयास कर रहे हैं, मैं उनका समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि इस प्रयास में अमेरिकी राष्ट्रपति जल्दी सफल हों, ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके।
वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध विराम को लेकर कहा कि चीन दुनिया में एक बहुत महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। मुझे लगता है कि वे यूक्रेन और रूस के साथ इस युद्ध को खत्म करने में हमारी मदद कर सकते हैं। युद्ध को रोकने के लिए उन्होंने भारत का भी जिक्र किया। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा, मैं भारत को देखता हूं, मैं सीमा पर झड़पों को देखता हूं जो काफी क्रूर हैं...अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मुझे मदद करना अच्छा लगेगा...मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत, रूस और अमेरिका, हम सभी साथ मिल कर काम कर सकते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है।"
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में सकारात्मक चर्चा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया