अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका ने हर जगह के अल्पसंख्यकों और धार्मिक अधिकारों की रक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई है। साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश इन मुद्दों पर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों के सामने अपनी प्रतिक्रिया एक समान रखता रहेगा।
माइक पोम्पियो ने ये बातें अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा। पोम्पियो ने कहा, 'हमें बहुत परवाह है और हम हमेशा अल्पसंख्यकों, धार्मिक आधिकारों की हर जगह रक्षा करेंगे। हम भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं और भारत में इस मुद्दे पर जोरों की बहस चल रही है। अमेरिका इन मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया भारत में ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में एक जैसा रखेगा।'
उनकी ये जवाब उस सवाल के बाद आया था जिसमें उनसे पूछा गया था कि 'क्या किसी लोकतंत्र में नागरिकता को निर्धारित करने के लिए किसी विशेष विश्वास का इस्तेमाल ठीक है।'
इसी सवाल का जबाव देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'अगर आपने इस कानून पर सावधानीपूर्वक बहस को ध्यान से सुना होगा तो आप देखेंगे कि ये कुछ देशों से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लाया गया है। अगर आप देखेंगे कि वे देश कहां हैं और वहां अल्पसंख्यक कैसे हैं, तो आप समझ सकेंगे कि क्यों उधर से आने वाले कुछ धर्मों की पहचान की गई।'
बता दें कि हाल ही में भारतीय संसद ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019, को पारित किया था। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद ये कानून बन गया है।
यह कानून धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भागकर आए हिंदू, इसाई, सिख, बोद्ध, और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है। कानून के अनुसार ये नागरिकता उन लोगों को दी जा सकेगी जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में आ गए थे।