माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स 1.60 लाख करोड़ रूपये दान करेंगे, नहीं चाहते अमीर बने रहना
By शिवेंद्र राय | Updated: July 15, 2022 13:40 IST2022-07-15T13:35:57+5:302022-07-15T13:40:02+5:30
दुनिया के पांचवे सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स जीवन भर सबसे अमीर लोगों की सूची में नहीं रहना चाहते। इसलिए गेट्स ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान देने का फैसला किया है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के द्वारा ये राशि दुनिया भर में खर्च की जाएगी।

माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक और माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने घोषणा की है कि वो अपनी दो हजार करोड़ डॉलर (लगभग 1.60 लाख करोड़ रूपये) की संपत्ति दान करेंगे। बिल गेट्स ये राशि अपने गैर लाभकारी संगठन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को सौपेंगे। बिल गेट्स अपने इस एनजीओ के माध्यम से दुनिया भर में समाज सेवा का कार्य करते रहते हैं।
अपने निर्णय की घोषणा करते हुए माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने एक ब्लॉग में कहा, "मैं अपनी पूरी संपत्ति फाउंडेशन को दान करना चाहता हूं। सिर्फ खुद और परिवार के खर्च लायक पैसा रखना चाहता हूं। दुनिया के अमीरों की सूची में मेरा नाम हमेशा बना रहे ऐसा मेरा इरादा नहीं है। आने वाले समय में मेरा नाम नीचे होगा। अंतत: मैं इस सूची से बाहर हो जाऊंगा।"
दुनिया के पांचवे सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स ने अपनी पूर्व पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर साल 2000 में गैर लाभकारी संगठन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की शुरूआत की थी। ये एनजीओ भारत सहित दुनिया भर में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर काम करता है। बिल गेंट्स की कुल संपत्ति 11,400 करोड़ डॉलर ( लगभग 9.11 लाख करोड़ रूपये ) है।
बिल गेट्स ने अपने एनजीओ के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया है और कहा है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के विकास में अमेरिकी बिजनेस मैन वॉरेन बफे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गेट्स ने कहा कि भले ही हमारे एनजीओ का नाम एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन लेकिन मूल रूप से हमारे अब तक के आधे संसाधन वॉरेन बफेट के उपहारों से आए हैं।
सालाना खर्च बढ़ाएगा संगठन
कोरोना महामारी के बाद से पैदा हुए संकट और रूस के यूक्रेन पर हमले से उपजे हालात का सामना करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन अपना खर्च बढ़ाएगा। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन 2026 तक अपना सालाना खर्च बढ़ाकर 900 करोड़ डॉलर (करीब 71,910 करोड़ रुपए) करना चाहता है।