मसूद अजहर, दाऊद, हाफिज सईद और लखवी आतंकी घोषित, अमेरिका ने भारत का समर्थन किया
By भाषा | Updated: September 5, 2019 18:22 IST2019-09-05T18:22:20+5:302019-09-05T18:22:20+5:30
भारत सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, जैश प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद को बुधवार को एक नये आतंकवाद रोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था।

संसद ने करीब एक महीने पहले गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी थी।
जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद समेत चार आतंकियों को भारत में एक नये आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित करने के कदम का अमेरिका ने समर्थन किया है जिससे आतंकवाद से लड़ने में दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावना बढ़ गयी है।
भारत सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, जैश प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद को बुधवार को एक नये आतंकवाद रोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था।
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘हम भारत के साथ खड़े हैं और चार आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी तथा दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित करने के लिए नये कानूनी प्राधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए उसकी प्रशंसा करते हैं।
यह नया कानून आतंकवाद की समस्या से लड़ने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों की संभावनाओं का विस्तार करता है।’’ संसद ने करीब एक महीने पहले गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी थी।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नयी दिल्ली में कहा कि उक्त चारों आतंकी संशोधित कानून के तहत आतंकवादी घोषित किये गये सबसे पहले आतंकवादी हैं। पहले यूएपीए कानून के तहत किसी संगठन को ही आतंकी घोषित किया जा सकता था।
इसमें संशोधन के बाद अब सरकार किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी करार दे सकती है। उक्त चारों भारत में आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के तहत वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है। नये विधेयक के तहत जिन्हें आतंकवादी घोषित किया गया है, सरकार उन लोगों पर यात्रा पाबंदी लगा सकती है।
सरकार उनकी संपत्तियों को भी जब्त कर सकती है। सरकार के अनुसार नया कानून संयुक्त राष्ट्र के समझौतों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।