डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ पर मार्क जुकरबर्ग पेश, कहा- डॉलर का समर्थन होगा, यूएस के वित्तीय दबदबे व लोकतांत्रिक मूल्यों को विस्तार देगी
By भाषा | Published: October 23, 2019 02:06 PM2019-10-23T14:06:22+5:302019-10-23T14:06:22+5:30
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने विधिनिर्माताओं के समक्ष दिए जाने वाले अपने बयान में यह बात कही। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की वित्तीय सेवा समिति द्वारा समन किए गए जुकरबर्ग ने बुधवार को पेश होने से एक दिन पहले यह बयान जारी किया। वह बुधवार को दूसरी बार अमेरिका की कांग्रेस के समक्ष पेश हुए।
फेसबुक की प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ एक तरफ दुनियाभर में अमेरिका के वित्तीय दबदबे का विस्तार करेगी, वहीं वैश्विक स्तर पर नकदी की तंगी से जूझ रहे लोगों की मदद भी करेगी।
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को विधिनिर्माताओं के समक्ष दिए जाने वाले अपने बयान में यह बात कही। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की वित्तीय सेवा समिति द्वारा समन किए गए जुकरबर्ग ने बुधवार को पेश होने से एक दिन पहले यह बयान जारी किया। वह बुधवार को दूसरी बार अमेरिका की कांग्रेस के समक्ष पेश हुए।
इससे पहले वह निजता संबंधी एक मामले में अप्रैल 2018 में कांग्रेस के समक्ष पेश हुए थे। उल्लेखनीय है कि दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की योजना एक डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ पेश करने की है। इसे लेकर उसे अमेरिका और यूरोप में नियामकों और कानून निर्माताओं के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
अपने तैयार बयान में जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘जब हम इन मुद्दों पर वाद-विवाद कर रहे होंगे, तब सारी दुनिया इंतजार नहीं कर रही होगी। चीन आने वाले महीनों में इसी तरह की मुद्रा जारी करने पर तेजी से काम कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लिब्रा को डॉलर का समर्थन होगा और मेरा मानना है कि यह दुनिया में अमेरिका के वित्तीय दबदबे के साथ-साथ हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को भी विस्तार देगी।
यदि अमेरिका नवोन्मेष नहीं करेगा तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हमारा वित्तीय दबदबा बना रहेगा, ।’’ फेसबुक की योजना लिब्रा को 2020 में पेश करने की है। वहीं विधि निर्माता और नियामक इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
जुकरबर्ग अमेरिकी कांग्रेस में पेश
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष फिर पेश हुए। उनकी कंपनी फेसबुक निजता, नफरत वाले संदेश और बाजार की असीम शक्ति के दुरुपयोग के आरोपों के चलते जांच के दायरे में है।
जुकरबर्ग कांग्रेस के समक्ष अपर्याप्त निजता, घृणा फैलाने वाले या गलत जानकारी देने वाले संदेशों को हटाने इत्यादि से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए पेश हुए हैं। कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा की वित्तीय सेवा समिति ने जुकरबर्ग को फेसबुक के वैश्विक डिजिटल मुद्रा बनाने की योजना पर गवाही देने के लिए बुधवार को समन किया है।
फेसबुक की डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ योजना को अमेरिका और यूरोप में नियामकों और विधिनिर्माताओं के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कंपनी की संपूर्ण नीतियां और कामकाज का तरीका सरकार की जांच के दायरे में है। फेसबुक के दुनियाभर में करीब 2.5 अरब उपयोक्ता हैं।
इससे पहले फेसबुक प्रमुख जुकरबर्ग अप्रैल 2018 में कांग्रेस के समक्ष गवाही देने के लिए पेश हुए थे। मौजूदा वक्त में कंपनी को लगभग अपनी हर कोशिश के लिए सरकार, जनता और विधिनिर्माताओं में से किसी ना किसी के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी के निजता संबंधी उल्लंघनों के मामले सामने आने पर जहां उसे जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ा। वहीं जनता को अधिक निजता विकल्प देने के लिए उसकी कूट भाषा में संदेश सेवा शुरू करने की योजना का विधिनिर्माताओं और कानून अनुपालन एजेंसियों ने प्रतिरोध किया। कैंब्रिज एनालिटिका मामले में घिरने के बाद से फेसबुक इस तरह की परेशानियों का लगातार सामना कर रही है।