मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में देश में रिजर्व सैन्यबल के जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा की। इस घोषणा के बाद 300,000 आरक्षित सैनिक (रिजर्विस्ट) की आंशिक तैनाती का प्लान बनाया गया है। वहीं, पुतिन के इस ऐलान के बाद रूस के कई एयरपोर्ट्स पर जनता की भारी भीड़ नजर आई। दरअसल, काफी लोग पुतिन की इस घोषणा से नाखुश हैं और वो देश छोड़कर जाना चाहते हैं।
बता दें कि रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो 'मिलिट्री रिजर्व फोर्स' का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेना में सेवाएं नहीं देता है। पुतिन की रिजर्व सैन्यबल के जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा ऐसे समय पर आई है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को 7 महीने पूरे हो रहे हैं। पुतिन ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को आक्रमण किया था और तब से युद्ध जारी है।
वहीं, सोशल मीडिया पर रूसी जनता की तस्वीरें और वीडियोज तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में जनता की भारी भीड़ एयरपोर्ट्स पर देखी जा सकती है। व्लादिमीर पुतिन की घोषणा के बाद जनता देश से पलायन करने को तैयार है, लेकिन लोग रिजर्व सैन्यबल में शामिल नहीं होना चाहते हैं। एयरपोर्ट्स पर लोगों की आवाजाही बढ़ने से फ्लाइट्स के टिकट भी महंगे हो रहे हैं।
मॉस्को से हवाई टिकटों की कीमतें एकतरफा उड़ानों के लिए 5,000 डॉलर से अधिक बढ़ गईं, जो आने वाले दिनों में सबसे अधिक बिकीं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड और जॉर्जिया के साथ सीमा क्रॉसिंग पर भी यातायात बढ़ गया। इसके अलावा एंटी-वॉर विरोध रूस के 38 शहरों में फैल गया और 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन के बंदियों को सूची कार्यालयों में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था। फिलहाल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने कहा कि सामूहिक पलायन की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।