Malaysia Islamic Business Group: 500 से ज्यादा बच्चों से यौन उत्पीड़न?, सीईओ नसीरुद्दीन मोहम्मद अली, पत्नी और बेटे अशारी सहित 22 सदस्यों पर गंभीर आरोप, हो सकती है 20 वर्ष की जेल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2024 17:18 IST2024-10-23T17:17:04+5:302024-10-23T17:18:32+5:30
Malaysia Islamic Business Group: इस्लामी अधिकारी प्रतिबंधित इस्लामी पंथ ‘अल अरकम’ से जुड़ी पथभ्रष्ट करने वाली शिक्षाएं देने के लिए भी जीआईएसबी की जांच कर रहे हैं।

file photo
कुआलालंपुरः मलेशिया के कुआलालंपुर में सैकड़ों बच्चों से कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद एक इस्लामी व्यापार समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सहित उसके 22 सदस्यों पर बुधवार को एक संगठित आपराधिक संगठन का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया। पिछले महीने इस संगठन से जुड़े एक कल्याण गृह से 500 से ज्यादा बच्चों को छुड़ाया गया था। पुलिस ने मानव तस्करी और धन शोधन के मामले की जांच के अपने दायरे को बढ़ाते हुए ‘ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस होल्डिंग’ (जीआईएसबी) के सीईओ नसीरुद्दीन मोहम्मद अली, उनकी पत्नी अजुरा मोहम्मद यूसुफ सहित दर्जनों लोगों को पिछले महीने हिरासत में लिया था। इस्लामी अधिकारी प्रतिबंधित इस्लामी पंथ ‘अल अरकम’ से जुड़ी पथभ्रष्ट करने वाली शिक्षाएं देने के लिए भी जीआईएसबी की जांच कर रहे हैं।
अल अरकम के नेता अशारी मोहम्मद ने ग्लोबल इखवान की स्थापना की थी और 2010 में उनकी मौत के बाद यह समूह फलता-फूलता रहा। सरकार ने इस पंथ को विधर्मी माना और 1994 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। बचाव पक्ष के वकील रोसली कमारूद्दीन ने बताया कि नसीरुद्दीन, उनकी पत्नी और बेटे अशारी समेत 22 लोगों पर बुधवार को आरोप लगाया गया।
उन्होंने बताया कि समूह की ओर से फिलाहल कोई याचिका दायर नहीं की गयी क्योंकि यह मुकदमा उच्च अदालत में स्थानांतरित किया जाना है। वकील ने बताया कि आरोपी पक्ष मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार है। रोसली ने संवाददाताओं को बताया, “वे आरोपों के खिलाफ लड़ेंगे और अदालत में चुनौती देंगे।”
वकील ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि मुकदमे में और भी आरोप जोड़े जाएंगे। उन्होंने बताया कि बचाव पक्ष ने उन पर लगे आरोपों पर पुनर्विचार करने के लिए ‘अटॉर्नी जनरल चेंबर’ के समक्ष अपील दायर करने और बिना किसी सुनवाई के उनकी वर्तमान हिरासत को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बनाई है। अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो प्रत्येक आरोपी को 20 वर्ष की जेल हो सकती है। पुलिस ने पिछले महीने जीआईएसबी से जुड़े एक कल्याण गृह से 500 से ज्यादा बच्चों को छुड़ाया था।