लॉकडाउन: अमेरिकी नर्सिंग होम के लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रही है भारतीय मूल की लड़की
By भाषा | Published: April 24, 2020 03:21 PM2020-04-24T15:21:07+5:302020-04-24T15:25:18+5:30
दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा अमेरिका में ही टूटा है. अमेरिका में कोविड-19 के 8 लाख 86 हजार केस मिले हैं और 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
पंद्रह साल की हीता गुप्ता की उम्र की लड़कियां कैंडी क्रश खेलती हैं या टीवी देखना पसंद करती हैं। अब वह कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते नर्सिंग होम में अलग-थलग पड़ गए बुजुर्गों और बच्चों समेत अकेलेपन में घिरे सैकड़ों अमेरिकियों को तोहफे तथा प्रेरणादायक पत्र लिखकर उनकी जिंदगियों में रंग भर रही है।
पेन्सिलवेनिया के कोनेस्टोगा हाई स्कूल की 10वीं कक्षा की यह भारतीय-अमेरिकी छात्रा एक एनजीओ ‘ब्राइटनिंग अ डे’ चलाती है और वह अमेरिका के नर्सिंग होम में रहने वाले खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों के बीच प्यार और आशा की किरण जगाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है। गुप्ता उन्हें हाथ से लिखे पत्र और तोहफे भेज रही है जिसमें पहेलियां और रंग भरने वाली किताबें तथा रंगों वाली पेंसिल का पैकेट होता है।
गुप्ता ने ईमेल के जरिए हुई बातचीत में पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मुझे यह सोचकर दुख होता कि कई नर्सिंग होम में रहने वाले लोग कितना अकेला और तनावग्रस्त महसूस करते होंगे क्योंकि वे अपने प्रियजन से नहीं मिल सकते। हमारे बुजुर्ग पहले से ही अकेले हैं। एक अध्ययन में पता चला कि 40 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग रोज अकेलापन महसूस करते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘इस दौरान जब कई वरिष्ठ नागरिकों के बीच घबराहट पैदा हो रही है तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें बताएं कि वे अकेले नहीं हैं। मैंने पहले खुद के पैसों से नर्सिंग होम को तोहफे भेजने शुरू किया। अब मैं 16 स्थानीय नर्सिंग होम के निवासियों को तोहफे भेज चुकी हूं।’’
उसने कहा, ‘‘तोहफे के साथ मेरे नौ साल के भाई दिवित गुप्ता का हाथ से लिखा एक खुश कर देने वाला पत्र भी होता है।’’ गुप्ता का एनजीओ अमेरिका के सात राज्यों में 50 अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में 2,700 से अधिक बच्चों तक पहुंच बना चुका है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘हमने भारत में अनाथालयों में भी स्कूल से संबंधित सामान और कार्ड भेजे हैं।’’ उसकी इस पहल को हर ओर से सराहना मिल रही है। नयी दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘‘कुछ प्रेरणा चाहिए? अमेरिका, पेन्सिलवेनिया की 15 वर्षीय हीता गुप्ता अपने एनजीओ ‘ब्राइटेन अ डे’ के जरिए तोहफों के साथ नर्सिंग होम में रहने वाले लोगों की जिंदगियों को खुशियों से भर रही हैं।’’