सैंटियागो, 20 दिसंबर (एपी) चिली में वामपंथी गेब्रियल बोरिश ने राष्ट्रपति चुनाव में 56 प्रतिशत मत हासिल किए और दक्षिणपंथी नेता जोस एंतोनियो को मात दे कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
ग्रेबियल ने असमानता और गरीबी से निपटने के लिए युवा नेतृत्व वाली समावेशी सरकार के गठन के लिए कई महीनों तक मेहनत की है। उनका कहना है कि असमानता और गरीबी दशकों पहले जनरल ऑगस्तो पिनोशे की तानाशाही द्वारा थोपे गए एक मुक्त बाजार मॉडल का अस्वीकार्य कमजोर बिन्दु है।
यह मेहनत रंग लाई और रविवार को उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में 56 प्रतिशत मत हासिल कर एकतरफा जीत हासिल की। 2012 में मतदान अनिवार्य होने के बाद से किसी भी नेता को मिला यह सबसे अधिक समर्थन है। 35 साल की उम्र में चिली के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले वह सबसे युवा नेता हैं।
समर्थकों की भारी भीड़ के बीच ग्रेबियल एक मंच पर पहुंचे और वहां से उन्होंने स्वदेशी ‘मैपुचे’ भाषा में हजारों युवा समर्थकों के लिए एक उत्साहजनक विजय भाषण दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसी पीढ़ी हैं जो सार्वजनिक जीवन में पली-बढ़ी है और मांग करती है कि हमारे अधिकारों का सम्मान अधिकारों के रूप में किया जाए न कि वस्तुओं या व्यवसाय की तरह। हम जानते हैं कि अमीरों और गरीबों के लिए न्याय जारी रहेगा....साथ ही अब हम सुनिश्चित करेंगे कि चिली के गरीबों को असमानता की कीमत ना चुकानी पड़े।’’
उन्होंने चिली की महिलाओं की भी हौसला-अफजाई की और वादा किया कि वे उनकी सरकार में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगी, जिससे कि ‘‘समाज की सभी तरह की पितृसत्तात्मक सोच को हमेशा के लिए पीछे छोड़ने में मदद मिलेगी।’’
वहीं, जोस ने परिणाम स्पष्ट होने के तुरंत बाद अपनी हार स्वीकार की और ग्रेबियल को फोन कर जीत की बधाई दी। इसके बाद वह स्वयं ग्रेबियल के चुनाव प्रचार कार्यों से जुड़े मुख्यालय गए और अपने प्रतिद्वंद्वी से मुलाकात भी की।
इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति सेबास्टियन पिन्येरा ने ग्रेबियल के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और सत्ता हस्तांतरण के दौरान उनकी सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
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