कोविड-19 का प्रसार रोकने में ‘लेटरल फ्लो टेस्ट’ विश्वसनीय तरीका : अध्ययन
By भाषा | Published: October 14, 2021 04:42 PM2021-10-14T16:42:22+5:302021-10-14T16:42:22+5:30
लंदन, 14 अक्टूबर यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (यूसीएल) के अनुसंधानकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 के प्रसार संबंधी जोखिम को जांचने के लिए ब्रिटेन के स्कूलों और कार्यस्थलों पर व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जा रहे ‘लेटरल फ्लो टेस्ट’ (एलएफटी) पहले की जानकारी के मुकाबले अधिक सटीक हैं और इनकी सीधे इससे तुलना नहीं की जा सकती कि ‘पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन’ (पीसीआर) किस तरह काम करती है।
‘क्लीनिकल एपिडेमियोलॉजी’ में प्रकाशित एक पत्र में वैज्ञानिकों ने उल्लेख किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के किसी भी स्तर का पता लगाने में एलएफटी के 80 प्रतिशत से अधिक सटीक होने की संभावना है तथा इसके साथ ही जांच के समय यह सर्वाधिक संक्रमित लोगों का पता लगाने में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी हो सकता है।
पूर्व में किए गए कुछ अध्ययनों में दी गई जानकारी के मुकाबले सटीकता का यह स्तर काफी अधिक है।
अनुसंधान रिपोर्ट लिखने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में यह परीक्षण एक विश्वसनीय जनस्वास्थ्य तरीका है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।