लाहौर उच्च न्यायालय ने जेयूडी के छह नेताओं को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में बरी किया

By भाषा | Updated: November 6, 2021 21:55 IST2021-11-06T21:55:47+5:302021-11-06T21:55:47+5:30

Lahore High Court acquits six JuD leaders in terrorism financing case | लाहौर उच्च न्यायालय ने जेयूडी के छह नेताओं को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में बरी किया

लाहौर उच्च न्यायालय ने जेयूडी के छह नेताओं को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में बरी किया

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, छह नवंबर लाहौर उच्च न्यायालय ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के छह वरिष्ठ नेताओं को आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराने के फैसले को रद्द कर दिया और उन्हें बरी कर दिया।

सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है। एलईटी 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन है। हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।

पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद लाहौर की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने इस साल अप्रैल में जमात-उद-दावा के वरिष्ठ नेताओं-प्रो. मलिक जफर इकबाल, याह्या मुजाहिद (जेयूडी के प्रवक्ता), नसरुल्ला, समीउल्लाह और उमर बहादुर को नौ-नौ साल की कैद और हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (सईद का बहनोई) को छह महीने की जेल की सजा सुनाई थी।

निचली अदालत ने इन नेताओं को आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी पाया था। वे धन इकट्ठा कर लश्कर-ए-तैयबा को अवैध रूप से धन मुहैया करा रहे थे। अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के माध्यम से एकत्र किए गए धन से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का भी आदेश दिया था।

अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘शनिवार को मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख की खंडपीठ ने जेयूडी के छह नेताओं के खिलाफ सीटीडी की प्राथमिकी मामले में निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष संदेह से परे प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।’’

अधिकारी ने कहा कि खंडपीठ ने जमात-उद-दावा नेताओं की याचिका को यह कहते हुए स्वीकार कर लिया कि ‘‘अभियोजन पक्ष के गवाह का बयान विश्वसनीय नहीं है क्योंकि कोई सबूत नहीं है।’’

जमात-उद-दावा के नेताओं के वकील ने लाहौर उच्च न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ताओं के अल-अनफाल ट्रस्ट का ‘‘प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साथ कोई संबंध नहीं है।’’ विधि अधिकारी ने दलील दी कि सवालिया घेरे में आया ट्रस्ट ‘‘लश्कर-ए-तैयबा के लिए मुखौटा’’ के रूप में काम कर रहा था और याचिकाकर्ता ट्रस्ट के पदाधिकारी थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Lahore High Court acquits six JuD leaders in terrorism financing case

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे