लाइव न्यूज़ :

नए कोरोनावायरस 'नियोकोव' की चेतावनी, खतरों को लेकर WHO ने कही ये बात

By अनिल शर्मा | Updated: January 29, 2022 11:54 IST

अध्ययन के अनुसार, NeoCov मानव कोशिकाओं में उसी तरह घुस सकता है जैसे COVID-19 वायरस। नियोकोव मनुष्यों के लिए खतरनाक बनने से केवल एक म्युटेशन दूर है।

Open in App
ठळक मुद्देनियोकोव को लेकर WHO ने कहा कि इसके और अध्ययन की जरुरत हैसंगठन ने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या यह मनुष्यों के लिए घातक है

वुहानः यहां के वैज्ञानिकों ने नए कोरोनावायरल का पता लगाया है जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है और हर तीसरे संक्रमित में से एक की मौत का कारण बनता है। रूसी समाचार की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका में एक नए प्रकार के कोरोनवायरस 'नियोकोव' की चेतावनी दी है जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

चीनी वैज्ञानिकों की इस चेतावनी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बयान जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नए कोरोनावायरल के विकास से अवगत है, लेकिन वायरस के बारे में जानने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है कि क्या यह मनुष्यों के लिए खतरा है।

रूसी समाचार एजेंसी TASS ने WHO के हवाले से कहा कि "क्या अध्ययन में पाया गया वायरस मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा करेगा, इसके लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता होगी।  मनुष्यों में 75% संक्रामक रोगों का स्रोत जंगली जानवर थे। वैश्विक निकाय ने कहा, "कोरोनावायरस अक्सर जानवरों में पाए जाते हैं, जिनमें चमगादड़ भी शामिल हैं। चमगादड़ों को कई वायरस के प्राकृतिक भंडार के रूप में पहचाना गया है।" WHO ने अपने शोध को प्रीप्रिंट में साझा करने के लिए चीनी शोधकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया।

अध्ययन के अनुसार, NeoCov मानव कोशिकाओं में उसी तरह घुस सकता है जैसे COVID-19 वायरस। नियोकोव मनुष्यों के लिए खतरनाक बनने से केवल एक म्युटेशन दूर है। इस वायरस का पता वुहान के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट प्रीप्रिंट रिपोजिटरी बायोरेक्सिव में छपी है। अध्ययन की अभी समीक्षा की जानी बाकी है।

हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक NeoCov वायरस नया नहीं है। MERS-CoV वायरस से संबद्ध इस वायरस को साल 2012 और 2015 में मध्य पूर्वी देशों में प्रकोपों ​​​​में खोजा गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह SARS-CoV-2 के समान है, जो मनुष्यों में कोरोनावायरस का कारण बनता है।

वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस के बारे में जानकारी दी है कि NeoCoV को दक्षिण अफ्रीका में एक चमगादड़ की आबादी में खोजा गया था जो केवल इन्हीं जानवरों के बीच फैलता था। बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि NeoCoV और इसके नजदीकी PDF-2180-CoV मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।

टॅग्स :वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशनवुहानकोरोना वायरसओमीक्रोन (B.1.1.529)
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यरमेश ठाकुर का ब्लॉग: आधुनिक जीवनशैली से भी बढ़ रहे हैं नेत्र रोग

स्वास्थ्यतो हर साल बच सकती हैं 1.5 करोड़ जानें?, क्या आप सभी हैं तैयार, हमें करना होगा ये काम, लांसेट रिपोर्ट में अहम खुलासा

स्वास्थ्यविश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

स्वास्थ्यकेरल में अलर्ट, 'मस्तिष्क भक्षी अमीबा' से 19 लोगों की मौत, जानें प्रकोप से जुड़ी 5 अहम बातें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका