खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मार कर हत्या, भारत में टॉप वांटेड की लिस्ट में था शामिल
By अंजली चौहान | Published: June 19, 2023 10:55 AM2023-06-19T10:55:20+5:302023-06-19T11:27:28+5:30
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मार कर हत्या कर दी थी वह कनाडा में कई सालों से रह रहा था।
ओटावा: कुख्यात खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गई। भारत सरकार की ओर से उसे डेजिग्नेटेड आतंकी घोषित किया गया था। हाल ही में जब भारतीय सरकार की ओर से 41 आतंकियों की सूची जारी की गई थी तब उसमें हरदीप निज्जर का नाम भी शामिल था।
निज्जर भारत में हिंसा और विध्वंसक गतिविधियों के विभिन्न कृत्यों में शामिल रह चुका है। जानकारी के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी निज्जर कनाडा में सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा हुआ था। वह पंजाब के जलांधर का रहने वाला था। भारतीय जांच एजेंसियां इस घटना की पुष्टि के लिए अहम जानकारी जुटा रही है।
निज्जर इंडिया की केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर था क्योंकि कई सालों से कनाडा में रहते हुए वह भारत के खिलाफ खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था। वह खालिस्तानियों की भारत विरोधी गतिविधियों के लिए रकम भी मुहैया कराता था।
पुजारी की हत्या का है आरोपी
गौरतलब है कि साल 2022 में पंजाब के जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुजारी की हत्या की साजिश खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) ने रची थी। कनाडा में रहने वाला हरदीप निज्जर केटीएफ का प्रमुख था।
बता दें कि इससे पहले एनआईए ने निज्जर के खिलाफ भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के मामले में चार्जशीट भी दाखिल की थी।
बताते चले की भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उसी दौरान विदेशों में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने प्रदर्शन किया था। इस मामले में एनआईए ने भारत सरकार के खिलाफ भावनाओं को भड़काने के आरोप में संगठन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इस एफआईआर के अनुसार, भारत सरकार के खिलाफ जमीनी अभियानों और दुष्प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन इकट्ठा किया गया जिसका मकसद लोगों को विदेश में भारतीय दूतावासों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसाना था। इस कृत्य में तीन आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, हरदीप सिंह निज्जर, परमजीत सिंह पम्मा का नाम शामिल था।