ऑस्ट्रेलिया: ब्रिस्बेन में भारतीय दूतावास के बाहर जमा हुए खालिस्तानी समर्थक, कार्यालय में लोगों को प्रवेश करने से रोका: रिपोर्ट
By आजाद खान | Updated: March 16, 2023 09:12 IST2023-03-16T07:10:00+5:302023-03-16T09:12:47+5:30
आपको बता दें कि इससे कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार ‘‘अतिवादी कार्रवाइयों’’ को बर्दाश्त नहीं करेगी।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में भारत के मानद वाणिज्य दूतावास के पास खालिस्तान समर्थक अनधिकृत रूप से एकत्र हुए और उन्होंने कार्यालय में प्रवेश को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण दूतावास को सुरक्षा कारणों से बुधवार को बंद करना पड़ा है।
इससे कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार ‘‘अतिवादी कार्रवाइयों’’ को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के खिलाफ हो रही कट्टरपंथी गतिविधियों की श्रृंखलाओं में एक और घटना है।
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिस्बेन के तारिंगा उपनगर में स्वान रोड पर स्थित मानद वाणिज्य दूतावास के प्रवेश को बाधित कर दिया, जिसके कारण दूतावास को मजबूरन बंद करना पड़ा। क्वींसलैंड पुलिस ने बताया कि ये लोग अनधिकृत रूप से एकत्र हुए थे।
सुरक्षा को देखते हुए भारतीय दूतावास को करना पड़ा बंद- सारा एल गेट्स
द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिस्बेन में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा जमकर नारेबाजी की गई है और इस दौरान दावा यह भी है कि उनके द्वारा अभद्र नारेबाजी भी की गई है। यही नहीं रिपोर्ट के अनुसार, घटना के वक्त हिंदुओं को सर्वोच्चतावादी बताने जाने वाले पोस्टर भी लहराए गए है।
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने बताया है कि घटना के समय सिख फॉर जस्टिस जिस तरीके से नारेबाजी कर रहे थे, इससे भारतीय दूतावास को बंद करना पड़ा था। उनके मुताबिक, सिख फॉर जस्टिस के समर्थकों द्वारा खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए थे।
ऑस्ट्रेलिया में लगातार भारत और मंदिरों को बनाया जा रहा निशाना
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से ऑस्ट्रेलिया में लगातार भारत और हिंदू समुदाय के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में एक मंदिर को कथित तौर पर निशाना बनाया गया था और यहां के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। यही नहीं हमले के बाद मंदिर के दीवारों पर कथित तौर पर एक समुदाय के खिलाफ नारे भी लिखे गए थे।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पर बोलते हुए सारा गेट्स का कहना है कि इस तरह के हमलों से यह साफ होता है कि इससे ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदूओं को डराने की कोशिश है। उधर मामले में क्वींसलैंड पुलिस का कहना है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे है।
भाषा इनपुट के साथ