तोक्यो, 15 अगस्त (एपी) द्वितीय विश्व युद्ध में हार के बाद जापान के आत्मसमर्पण करने के 76 वर्ष पूरे होने पर रविवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि युद्ध कभी नहीं होना चाहिए, हालांकि इस दौरान उन्होंने देश के आक्रामक रवैये के लिए माफी नहीं मांगी।
सुगा ने कहा कि जापान कभी भूल नहीं सकता कि जिस शांति का आज वह आनंद ले रहा वह युद्ध में अपने जीवन का बलिदान करने वालों की बदौलत उसे मिली है। प्रधानमंत्री बनने के बाद कार्यक्रम में अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग युद्ध कभी नहीं करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं।’’
सुगा ने अपने पूर्ववर्ती शिंजो आबे का अनुसरण करते हुए 20वीं सदी की शुरुआत में क्षेत्र में जापान की आक्रामकता के पीड़ित एशियाई लोगों से माफी नहीं मांगी। पूरी तरह से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित सुगा के भाषण में हीरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका के परमाणु हमले, तोक्यो और अन्य शहरों पर बमबारी तथा ओकिनावा में जबरदस्त संघर्ष समेत जापान और वहां के नागरिकों को हुई क्षति का जिक्र था। उन्होंने इन घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया।
वहीं सम्राट नरुहितो ने इसके विपरीत अपने पिता की ही तरह युद्ध के दौरान अपने देश की कार्रवाई पर ‘‘गहरा दुख’’ जताया। नरुहितो ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लोग महामारी के कारण हुई मुश्किलों से मिलकर उबर जाएंगे और उन्होंने सभी के लिए खुशी तथा शांति की कामना की।
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