यह अपमानजनक था लेकिन गैरकानूनी नहीं, स्वीडन में कुरान जलाने पर बोले नाटो प्रमुख; अमेरिका ने निंदा की

By अनिल शर्मा | Published: July 1, 2023 07:08 AM2023-07-01T07:08:42+5:302023-07-01T10:52:58+5:30

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि कुरान को जलाना जरूरी नहीं कि गैरकानूनी है। चूंकि मुस्लिम-बहुल राष्ट्र तुर्की उन दो सदस्यों में से एक है, जिन्होंने अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है, इसलिए यह मुद्दा विशेष रूप से संवेदनशील है।

It Was Disrespectful But Not Illegal Says NATO Chief On Quran Burning In Sweden; American condemned | यह अपमानजनक था लेकिन गैरकानूनी नहीं, स्वीडन में कुरान जलाने पर बोले नाटो प्रमुख; अमेरिका ने निंदा की

यह अपमानजनक था लेकिन गैरकानूनी नहीं, स्वीडन में कुरान जलाने पर बोले नाटो प्रमुख; अमेरिका ने निंदा की

Highlightsअमेरिका ने भी स्वीडन की मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की निंदा की। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कुरान को जलाना अपमानजनक और आपत्तिजनक था, लेकिन गैरकानूनी नहीं था।

नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि कुरान को जलाना अपमानजनक और आपत्तिजनक था, लेकिन गैरकानूनी नहीं था। हालांकि, नाटो प्रमुख ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर समझौता करने का आग्रह किया।

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि कुरान को जलाना जरूरी नहीं कि गैरकानूनी है। चूंकि मुस्लिम-बहुल राष्ट्र तुर्की उन दो सदस्यों में से एक है, जिन्होंने अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है, इसलिए यह मुद्दा विशेष रूप से संवेदनशील है।

स्टोल्टेनबर्ग ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह इससे पैदा होने वाली भावनाओं और भावनाओं की गहराई को समझते हैं। उनके अनुसार, कुरान को जलाना जरूरी नहीं कि गैरकानूनी था, लेकिन अपमानजनक था। उधर, अमेरिका ने भी स्वीडन की मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की निंदा की। 

अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को स्वीडन में कुरान की प्रति जलाने की निंदा की, लेकिन कहा कि परमिट जारी करने से यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन को प्रदर्शित करता है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका "इस कृत्य से बहुत चिंतित है", लेकिन लोकतंत्र के तत्वों के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के अधिकार का समर्थन करता है।

मिलर ने कहा, "हमारा मानना है कि प्रदर्शन से भय का माहौल बनता है जो स्वीडन में मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों की धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने की क्षमता को प्रभावित करेगा।"

गौरतलब है कि 21 जनवरी को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर डेनमार्क के एक कार्यकर्ता रासमस पलुदन ने इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को आग लगा दी थी। इसके बाद से तुर्की सरकार और वहां के लोगों में आक्रोश फैल गया है। इस घटना की तुर्की के अलावा कई मुस्लिम देश स्वीडन की निंदा कर चुके हैं।

 स्वीडन नाटो में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। इसको लेकर तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो से जुड़ा मुद्दा विवाद प्रदर्शनों से जुड़ गया है। तुर्की पहले से ही नाटो का सदस्य है। तुर्की कुछ शर्तों के तहत स्वीडन के आवेदन को रोकने के लिए अपनी शक्ति का इसतेमाल कर रहा है।

 इस महीने की शुरुआत में स्वीडन में नाटो के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को भी स्टोलटेनबर्ग ने संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि उनके बारे में मेरी राय यह है कि वे अच्छे नहीं हैं। हालाँकि असहमत होना मेरा अधिकार है। उन्होंने बताया कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है। नाटो प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन में स्वीडन की सदस्यता जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। हमने हाल ही में [तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप] एर्दोगन से बात करने के बाद, अगले सप्ताह गुरुवार को ब्रुसेल्स में अधिकारियों के साथ उच्च स्तर पर मिलने के अवसर पर चर्चा की।

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