Israel-Hamas War: इजराइली टैंक गाजा के शिफा अस्पताल परिसर में घुसे, हमास के खिलाफ ऑपरेशन जारी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: November 15, 2023 16:07 IST2023-11-15T16:06:29+5:302023-11-15T16:07:48+5:30
इजरायली टैंकों ने गाजा शहर के मुख्य चिकित्सा केंद्र, अल शिफा अस्पताल के बाहर मोर्चा संभाल लिया है। इजराइल की ये भी कहना है कि हमास लड़ाके मरीजों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

(फाइल फोटो)
Israel-Hamas War: इजरायली सेना ने कहा है कि उसकी सेना बुधवार को गाजा के सबसे बड़े अस्पताल, अल शिफा के भीतर हमास के खिलाफ एक ऑपरेशन कर रही है। एक बयान में इजरायली सेना ने कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर, आईडीएफ बल शिफा अस्पताल में एक निर्दिष्ट क्षेत्र में हमास के खिलाफ एक सटीक और लक्षित ऑपरेशन चला रहे हैं।
इजरायली सेना ने कहा है कि खुफिया जानकारियों से इस बात की पुष्टि हुई है कि फिलीस्तीनी आतंकवादियों का गाजा के अल-शिफा अस्पताल में एक कमांड सेंटर है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हमास और इस्लामिक जिहाद गाजा शहर में अल-शिफा से एक कमांड और कंट्रोल नोड संचालित करते हैं।
इजरायली टैंकों ने गाजा शहर के मुख्य चिकित्सा केंद्र, अल शिफा अस्पताल के बाहर मोर्चा संभाल लिया है। इजराइल की ये भी कहना है कि हमास लड़ाके मरीजों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि इजरायली सेना को गाजा में हमास के लड़ाकों के अलावा लेबनान के हिजबुल्ला समूह के हमलों का सामना भी करना पड़ रहा है। लेबनान-इजराइल सीमा पर ईरान समर्थित समूह और इजराइली सेना के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। मध्यपूर्व के मौजूदा युद्ध के दूसरे मोर्चे में फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
पूरी दुनिया इस मुद्दे पर बंटी हुई है। हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बसाने की इजराइली गतिविधियों की निंदा की गई। प्रस्ताव में इस बात को दोहराया गया था कि पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में इजराइली बस्तियां अवैध हैं और शांति, आर्थिक और सामाजिक विकास में बाधा हैं।
प्रस्ताव में पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में बस्तियां बसाने की सभी इजराइली गतिविधियों को तत्काल और पूर्ण रूप से बंद करने की मांग दोहराई गई। भारत ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध रूप से मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान किया गया था।