इजरायल निर्माण श्रमिकों की भर्ती के लिए भारत में चलाएगा अभियान, 1 लाख से ज्यादा लोगों को मिल सकता है रोजगार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 20, 2023 08:12 PM2023-12-20T20:12:22+5:302023-12-20T20:13:40+5:30
इजरायल को निर्माण परियोजनाओं को जारी रखने के लिए तत्काल श्रमिकों की आवश्यकता है और ठेकेदारों ने जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से हजारों कामगारों को लाने के लिए सरकार से अपील की है।
नई दिल्ली: इजरायल में निर्माण श्रमिकों की किल्लत को पूरा करने के लिए भारत से हजारों श्रमिकों की भर्ती करने की तैयारी चल रही है। इस सिलसिले में इजरायल के 'चयनकर्ताओं' की एक टीम पिछले सप्ताह भारत दौरे पर गई थी और अगले सप्ताह भी एक टीम भारत रवाना होने वाली है।
इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन (आईबीए) के उप महानिदेशक और प्रवक्ता शाय पॉजनर ने बताया है कि अगले सप्ताह 27 दिसंबर को दिल्ली और चेन्नई में भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पॉजनर ने कहा कि फिलहाल हम सरकार की मंजूरी के अनुरूप 10,000 (श्रमिक) लाने पर विचार कर रहे हैं। निकट भविष्य में यह संख्या 30,000 तक पहुंच जाएगी। यह इस पर निर्भर करेगा कि यह प्रक्रिया कैसे चलती है। यह एक निरंतर चलने वाला प्रयास है और इसमें कई महीने लगेंगे।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों से संबंधित मुद्दों और चयन दल का जिम्मा संभालने वाले खंड के प्रमुख इजैक गुरविट्ज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पिछले सप्ताह भारत में था। वहीं अगले सप्ताह भारत रवाना होने वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई निर्माण एवं आवास मंत्रालय के महानिदेशक येहुदा मोर्गनस्टर्न करेंगे।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान भारत से इजराइल में श्रमिकों के आगमन का समय आगे खिसकाने के बारे में चर्चा हुई थी।
दरअसल इजरायल को तत्काल अधिक श्रमिकों की जरूरत है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले से पहले बड़ी संख्या में फिलिस्तीन के लोग इजरायल में काम करते थे। लेकिन युद्ध की घोषणा के बाद से गाजा या फिलिस्तीन के किसी भी व्यक्ति के इजरायल में काम करने पर रोक लगा दी गई है।
इजरायल को निर्माण परियोजनाओं को जारी रखने के लिए तत्काल श्रमिकों की आवश्यकता है और ठेकेदारों ने जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से हजारों कामगारों को लाने के लिए सरकार से अपील की है। निर्माण उद्योग में लगभग 80,000 श्रमिकों का सबसे बड़ा समूह फलस्तीनी प्राधिकरण-नियंत्रित वेस्ट बैंक से और अन्य 17,000 गाजा पट्टी से आते हैं, जिनमें से अधिकतर का ‘वर्क परमिट’ अक्टूबर में इजराइल पर हमास के हमले के बाद रद्द कर दिया गया था। करीब 7,000 श्रमिकों का एक अन्य समूह चीन से और लगभग 6,000 का समूह पूर्वी यूरोप से आया है। युद्ध के कारण देश में श्रमिकों की कमी हो गई है।