बांग्लादेश: ढाका में ISKCON मंदिर पर भीड़ का हमला, जमकर की गई तोड़फोड़ और लूटपाट
By विनीत कुमार | Published: March 18, 2022 01:50 PM2022-03-18T13:50:47+5:302022-03-18T14:01:37+5:30
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। करीब 150 से 200 लोगों ने मंदिर पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ की।
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित इस्कॉन (ISKCON) राधाकांत मंदिर पर गुरुवार को कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की और लूटपाट भी की गई। रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में मंदिर से जुड़े कई सदस्यों के घायल होने की भी खबरे हैं।
यह मंदिर ढाका के वारी में लाल मोहन साह गली में स्थित है। बताया जा रहा है कि करीब 200 लोगों की भीड़ ने शाम 7 बजे के करीब हमला किया था। सामने आई जानकारी के अनुसार इस भीड़ का नेतृत्व हाजी सैफुल्लाह कर रहा था।
वहीं, इस घटना पर 'द वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू' की ओर से एक ट्वीट में कहा गया, 'शब-ए-बारात की रात चरमपंथी फिर से ढाका में वारी राधाकांत इस्कॉन मंदिर पर हमला कर रहे हैं। हम सभी हिंदुओं से मंदिर की रक्षा में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध कर रहे हैं।' इस ट्वीट के साछ तस्वीरें भी साझा की गई हैं। संगठन ने यह भी दावा किया कि जब कट्टपंथी समूह ढाका में इस्कॉन मंदिर पर हमला कर रहे थे तब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
On the night of shab-e-barat, Extremists are again attacking the Wari Radhakanta #ISKCON temple in Dhaka. We are requesting to all the Hindus to play their role in protecting the temple. #SaveBangladeshiHindus#SaveHinduTemplesInBangladesh@RadharamnDas@iskcon@india_iskconpic.twitter.com/DVLZF7yVPG
— Voice Of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VoiceOfHindu71) March 17, 2022
वहीं, इस्कॉन कोलकाता के वाइस-प्रेसिडेंट राधारमण दास ने बताया, 'बीती शाम जब श्रद्धालु गौर पूर्णिमा उत्सव की तैयारी कर रहे थे, 200 लोगों की भीड़ ने श्री राधाकांत मंदिर, ढाका के परिसर में प्रवेश किया और उन पर हमला किया। तीन हाथापाई में घायल हो गए। सौभाग्य से उन्होंने पुलिस को बुलाया और बदमाशों को भगाने में सफल रहे।
इससे पहले पिछले साल ही बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और मंदिरों पर भीड़ द्वारा हमले का मामला सामने आया था। बांग्लादेश में पिछले साल 13 अक्टूबर को उस समय हिंसा भड़क उठी थी जब इस्लाम की पवित्र किताब कुरान की एक प्रति कोमिल्ला में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू देवी के पैर में रखी मिली थी।
पुलिस ने कुरान की प्रति शरारतपूर्ण तरीके से रखने के आरोप में इकबाल हुसैन नाम के शख्स को गिरफ्तार भी किया था। पूर्व में भी कुछ ऐसी ही घटनाएं ढाका के टीपू सुल्तान रोड और चिटगॉन्ग के कोतवाली में भी हुई थी जब वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया था।