ईरान ने तालिबान को दिया झटका, राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा-अफगान लोगों को अपनी सरकार बनाने के लिए वोट देना चाहिए...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2021 12:23 PM2021-09-05T12:23:12+5:302021-09-05T12:24:29+5:30
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे।
तेहरानः ईरान के राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है ताकि देश का भविष्य निर्धारित हो सके। उन्होंने उम्मीद जताई की अफगानिस्तान में फिर से अमन कायम हो सकेगा।
शनिवार को सरकारी टेलीविजन चैनल से बातचीत में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि अफगान लोगों को जल्द से जल्द अपनी सरकार बनाने के लिए वोट देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वहां सरकार बननी चाहिए जो जनता के वोटों से चुनी जाए और जनता की हो।’’
रईसी ने कहा, ‘‘इस्लामिक रिपब्लिक ने अफगानिस्तान में हमेशा अमन चाहा है, खून-खराबा तथा अपनों की हत्या बंद होने की दुआ की है और जनता की इच्छा के अनुसार संप्रभुता चाही है। हम अफगान जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का समर्थन करेंगे।’’
विश्व को मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिये अफगानिस्तान से जुड़ना चाहिए: इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि दुनिया को मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अफगानिस्तान के साथ जुड़ना चाहिए और युद्धग्रस्त देश में शरणार्थी संकट को रोकने के लिए आर्थिक स्थिरता प्रदान करनी चाहिए।
खान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ टेलीफोन पर बात की और दोनों नेताओं ने मानवीय स्थिति पर विशेष ध्यान देने के साथ साथ अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, खान ने मानवीय जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अफगानिस्तान के साथ और अधिक जुड़ाव की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ''इस तरह के कदम न केवल सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि अफगानों का उनके देश से बड़े पैमाने पर पलायन भी रुकेगा।
इस प्रकार अफगानिस्तान से पैदा होने वाले शरणार्थी संकट को रोका जा सकेगा।।'' खान ने अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और एक समावेशी राजनीतिक समाधान के महत्व पर प्रकाश डाला। बयान में कहा गया है कि खान ने कहा कि यह अफगानिस्तान में 40 साल से जारी संकट पर पूर्ण विराम लगाने का अवसर है। स्थायी शांति, सुरक्षा और समृद्धि हासिल करने में अफगानों की मदद करके इस अवसर को भुनाया जाना चाहिये।