ईरान का दावा- मार गिराया अमेरिकी ड्रोन, तनाव बढ़ने के बाद युद्ध के करीब आए दोनों देश!
By रामदीप मिश्रा | Published: June 20, 2019 10:47 AM2019-06-20T10:47:03+5:302019-06-20T10:50:52+5:30
फारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और ईरान दोनों देश एक तरफ यह कह रहे हैं कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उनका देश किसी भी हमले का करारा जवाब देगा।
ईरान और अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती दिखाई दे रही है। गुरुवार को ईरान दावा किया है कि उसने रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है। ईरान की इस बयान के बाद अमेरिका ने इस संबंध में फिलहाल किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
युद्ध नहीं होने का दोनों देश कर रहे दावा
फारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और ईरान दोनों देश एक तरफ यह कह रहे हैं कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उनका देश किसी भी हमले का करारा जवाब देगा। ट्रंप का कहना है कि ईरान के साथ काफी कुछ चल रहा है। देखते हैं क्या होता है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हम पूरी तरह तैयार हैं।
ईरानी खतरे से बचाव करना चाहता है अमेरिका
डोनाल्ड ट्रप के कार्यवाहक रक्षा मंत्री के पद पर रह चुके पैट्रिक शानहान ने ईरान को काबू में रखने के लिए 1,000 अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का फैसला किया था। अमेरिका का कहना है कि ट्रंप सिर्फ ईरानी खतरे से बचाव सुनिश्चित करना चाहते हैं। वह कोई युद्ध नहीं चाहते, और हम यह संदेश देना जारी रखेंगे। हम सिर्फ क्षेत्र में अमेरिकी हितों की रक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं। वह खाड़ी में सैन्य अभियानों के लिए जिम्मेदार कमांडरों से मिलने गए थे ताकि अमेरिकी कूटनीतिक और सामरिक क्षेत्रों में समन्वय बना रहे और वह सही कदम उठा सकें।
'ईरान नहीं छेड़ेगा किसी देश के साथ युद्ध'
अमेरिका के साथ बढ़े तनाव के बीच ईरान का का कहना है कि वह किसी देश के साथ युद्ध नहीं छेड़ेंगा, लेकिन ईरान के लोग अमेरिका के दबाव और क्षेत्र में अस्थिरता के खिलाफ जरूर खड़े होंगे। वह जल्दी ही यूरेनियम संवर्द्धन का काम शुरू कर सकता है और उसे हथियारों में इस्तेमाल के काबिल बनाने से सिर्फ एक कदम पीछे रूकेगा। यह ट्रंप के उन आश्वासनों के लिए सीधी चुनौती है कि परमाणु समझौते से अमेरिका का हटना दुनिया को सुरक्षित बनाता है।
यूरेनियम भंडारण सीमा तोड़ेगा ईरान
ईरान की परमाणु एजेंसी कही चुकी है कि तेहरान वैश्विक शक्तियों के साथ उसके परमाणु समझौते द्वारा तय यूरेनियम भंडारण सीमा को अगले दस दिन में तोड़ देगा। ईरान को 20 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत है जो हथियार बनाने से एक कदम पहले का स्तर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले साल अमेरिका को इस समझौते से बाहर करने और ईरान पर फिर से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद से यह समझौता विफल होने की तरफ बढ़ गया है।
ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हमले से बढ़ा तनाव
दोनों देशों के बीच तनाव उस समय ज्यादा बढ़ गया है जब ओमान की खाड़ी में हाल ही तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमले हुए। वाशिंगटन ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है और ईरान ने किसी तरह की संलिप्तता से इंकार किया है। इस घटना को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा। अमेरिकी नौसेना का कहना है कि होर्मुज जलडमरूमध्य के पास एक जापानी तेल टैंकर पर हमले के लिए जिस लिम्पेट माइन (विस्फोटक) का इस्तेमाल हुआ, वह ईरान के विस्फोटकों से मिलता-जुलता है। ईरान अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है कह रहा है कि वाशिंगटन ने जो साक्ष्य पेश किए हैं वह 'अप्रमाणित' हैं।
ईरान का दावा- अमेरिकी जासूसी नेटवर्क को किया ध्वस्त
इधर, ईरान दावा कर रहा है कि उसने अमेरिका की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े एक नए जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया और कई जासूसों को गिरफ्तार किया है। वह कह रहा है कि उसने अमेरिकी खुफिया सेवाओं में सुराग के बाद, हाल ही में पाया कि नई भर्तियों में अमेरिकियों ने एक नया नेटवर्क अपनाया था और इस नए नेटवर्क को नष्ट कर दिया गया है।