भारतीय सेना कारगिल की लड़ाई भूल गई है, जब भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थीः मुशर्रफ

By भाषा | Published: October 7, 2019 08:37 PM2019-10-07T20:37:39+5:302019-10-07T20:37:39+5:30

बीमार पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने दावा किया कि 1999 में इस संघर्ष को समाप्त करने लिए भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थी। ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के 76 वर्षीय अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर दुबई से टेलीफोन से इस्लामाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

Indian Army has forgotten the battle of Kargil, when India had to ask for help from US President: Musharraf | भारतीय सेना कारगिल की लड़ाई भूल गई है, जब भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थीः मुशर्रफ

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के खून में है ।

Highlightsकश्मीर पाकिस्तान के खून में और कुछ भी हो जाए, सेना के साथ देश कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगाः मुशर्रफ।उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते पिछले साल राजनीतिक गतिविधियों से अवकाश लिया था।

बीमार पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने सक्रिय राजनीति में लौटने के बाद कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान के खून में है और कुछ भी हो जाए, सेना के साथ देश कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा।

दुबई में रह रहे जनरल (सेवानिवृत) मुशर्रफ ने कारगिल संघर्ष का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि पाकिस्तान के शांति प्रयासों के बावजूद भारत उसे बार बार धमकी दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘शायद, भारतीय सेना कारगिल की लड़ाई भूल गयी है।’

उन्होंने दावा किया कि 1999 में इस संघर्ष को समाप्त करने लिए भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगनी पड़ी थी। ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के 76 वर्षीय अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर दुबई से टेलीफोन से इस्लामाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते पिछले साल राजनीतिक गतिविधियों से अवकाश लिया था। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के खून में है । भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के बीच संभवत: यह उनकी पहली टिप्पणी है।

मुशर्रफ ने कहा, ‘‘ चाहे जो भी हो, हम अपने कश्मीरी भाइयों के साथ खड़ा रहेंगे।’’ एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक पूर्व सैन्य तानाशाह ने कहा कि पाकिस्तानी राष्ट्र और सेना अपने खून के आखिरी कतरे तक संघर्ष करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि शांति की पाकिस्तान की इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बल किसी भी भारतीय दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं। भारत द्वारा पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है।

पाकिस्तान ने भारत के साथ अपना राजनियक संबंध घटा दिया और भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया। भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करना उसका अंदरूनी मामला है। भारत ने पाकिस्तान से इस सच्चाई को स्वीकार कर लेने और भारत विरोधी प्रलाप बंद करने को भी कहा है।

मुशर्रफ ने भारतीय नेताओं और सैन्य कमांडरों की भी अपने गैर जिम्मेदाराना बयानों से परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव फैलाने को लेकर आलोचना की। मुशर्रफ मार्च, 2016 से दुबई में रह रहे हैं और वर्ष 2007 में संविधान को स्थगित करने को लेकर राजद्रोह के मामले का सामना कर रहे हैं।

उन्हें इस मामले में 2014 में अभ्यारोपित किया गया। राजद्रोह के मामले में दोषी करार देने पर मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान है। खबरों के अनुसार सेहत में सुधार होने पर मुशर्रफ अब राजनीति में लौटने की योजना बना रहे हैं। वर्ष 1999-2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद हत्या मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है। 

Web Title: Indian Army has forgotten the battle of Kargil, when India had to ask for help from US President: Musharraf

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