श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट जारी, भारत ने 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत भेजी 3.5 अरब डॉलर की मदद

By मनाली रस्तोगी | Published: May 10, 2022 03:59 PM2022-05-10T15:59:29+5:302022-05-10T16:00:42+5:30

श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट जारी है। इस बीच भारत ने श्रीलंका के लोगों को उनकी मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने में मदद करने के लिए अकेले इस वर्ष 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है।

India underlines Neighbourhood First policy as Sri Lanka protests escalate | श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट जारी, भारत ने 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत भेजी 3.5 अरब डॉलर की मदद

श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट जारी, भारत ने 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत भेजी 3.5 अरब डॉलर की मदद

Highlightsश्रीलंका में जारी गंभीर आर्थिक संकट के बीच भारत ने पड़ोसी देश को भोजन, दवा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को कम करने के लिए सहायता प्रदान की है।सोमवार को महिंदा राजपक्षे (76) ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा पत्र भेजा।

कोलंबो: श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट जारी है। ऐसे में जहां सोमवार को महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो वहीं भारत ने मंगलवार को कहा कि एक करीबी पड़ोसी होने के नाते वह देश के 'लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार' का पूरा समर्थन करता है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, "हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने श्रीलंका के लोगों को उनकी मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने में मदद करने के लिए अकेले इस वर्ष 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है। इसके अलावा भारत के लोगों ने भोजन, दवा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को कम करने के लिए सहायता प्रदान की है।" बयान में आगे कहा गया है, "भारत हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से व्यक्त श्रीलंका के लोगों के सर्वोत्तम हितों द्वारा निर्देशित होगा।"

बता दें कि सोमवार को महिंदा राजपक्षे (76) ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा पत्र भेजा। महिंदा ने ट्वीट किया, "मैंने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।" प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। 

उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, "मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। यह छह मई को हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपके अनुरोध के अनुरूप है, जिसमें आपने कहा था कि आप एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं।" प्रधानमंत्री के इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट भी भंग कर दी गई। महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश में जारी घोर आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने का दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किये जा रहे थे।

Web Title: India underlines Neighbourhood First policy as Sri Lanka protests escalate

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