भारत ने शुरू की अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी, अमेरिकी सैनिकों की विदाई के बाद मजबूत हो रहा तालिबान
By अभिषेक पारीक | Updated: July 6, 2021 15:42 IST2021-07-06T15:33:10+5:302021-07-06T15:42:12+5:30
अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकवादियों के कारण स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं, जिसके बाद भारत ने अपने नागरिकों और अधिकारियों को निकालने का फैसला किया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की विदाई के बाद से तालिबान मजबूत हो रहा है। अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकवादियों के कारण स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं, जिसके बाद भारत ने अपने नागरिकों और अधिकारियों को निकालने का फैसला किया है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्तान में काबुल, कंधार और मजार ए शरीफ शहरों में मौजूद भारत सरकार के कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों को निकालने की योजना पर काम किया गया है।
अफगानिस्तान के शहरों और भीतरी इलाकों में हालिया सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के संचालन में असमर्थ होता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, तालिबान के हमले के डर से अफगानिस्तान के अधिकारी अपने सरकारी नियंत्रण वाले इलाकों से भाग रहे हैं।
तालिबान से जुड़ रहे अफगान सैनिक
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने अप्रैल में घोषणा की थी कि अमेरिका अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से पूरी तरह से वापस बुला लेगा। जिसके बाद से ही तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में काफी विस्तार हुआ है। ऐसे भी उदाहरण सामने आए हैं, जिनमें अफगानिस्तान के सुरक्षाकर्मी तालिबान के साथ जुड़ गए हैं। सोमवार को 300 से ज्यादा अफगान सैनिक बदख्शां प्रांत से ताजिकिस्तान पहुंचे।
सैन्य अधिकारी दे रहे थे प्रशिक्षण
काबुल में दूतावास के साथ अफगानिस्तान में भारत के चार वाणिज्य दूतावास हैं, जिसमें सैन्य अधिकारी रक्षा अटैची के रूप में काम कर रहे हैं। साथ ही अफगानिस्तान की सेना और पुलिस को प्रशिक्षण में मदद कर रहे हैं।
फिलहाल स्पष्ट नहीं है स्थिति
हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पूरा स्टाफ वापस आएया या नहीं। जलालाबाद और हेरात शहरों में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों का परिचालन बंद कर दिया गया था, वहीं कंधार और मजार ए शरीफ में अभी भी दूतावास संचालित किए जा रहे हैं। बता दें कि न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका ने 2001 में हमला किया था। अफगानिस्तान के विकास में भारत लगातार योगदान देता रहा है।