पूर्वी लद्दाख में गतिरोध का भारत, चीन ने ‘प्रभावी प्रबंधन, नियंत्रण’ किया : चीनी विदेश मंत्री
By भाषा | Published: December 20, 2021 10:43 PM2021-12-20T22:43:04+5:302021-12-20T22:43:04+5:30
(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 20 दिसंबर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने मंत्रालय के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए वर्षांत भाषण में कहा कि चीन और भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध को “प्रभावी ढंग से प्रबंधित और नियंत्रित” किया।
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद के बीच वांग का यह बयान आया है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनावपूर्ण गतिरोध को सुलझाने के लिये किये गए प्रयासों का संक्षिप्त संदर्भ देते हुए वांग ने कहा, “चीन और भारत ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और विकसित करने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता के तहत राजनयिक और सैन्य माध्यम से बातचीत को बनाए रखा है, और कुछ सीमा क्षेत्रों में स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित और नियंत्रित किया है।”
पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध की वजह से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था।
पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पिछले साल पांच मई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों व भारी हथियारों के साथ अपनी तैनाती बढ़ा दी थी।
सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा क्षेत्र में और फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा किया।
दोनों पक्षों के बीच 31 जुलाई को 12वें दौर की बातचीत हुई थी। इसके कुछ दिनों बाद गोगरा से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया पूरी हुई थी। इस इलाके में दोनों सेनाएं आमने-सामने थीं, जिससे क्षेत्र की शांति के लिये खतरा पैदा हो गया था। दोनों तरफ के 50 से 60 हजार सैनिक अब भी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पहाड़ी सेक्टरों में तैनात हैं।
अपने भाषण में वांग ने कहा, “चीन की कूटनीति के लिए, पिछले वर्ष ने हमें सीपीसी (चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी) की केंद्रीय समिति के मजबूत नेतृत्व में काम करते हुए देखा है, जिसके मूल में कॉमरेड शी चिनफिंग हैं। एक वैश्विक दृष्टि को अपनाते हुए और राष्ट्र व हमारे लोगों की सेवा करते हुए देखा है।
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