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भारत, बहरीन ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा के मामलों पर सहयोग बढ़ाने पर जताई सहमति

By भाषा | Updated: November 26, 2020 00:40 IST

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मनामा, 25 नवंबर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और बहरीन में उनके समकक्ष अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जयानी ने द्विपक्षीय मामलों और साझे हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर बुधवार को चर्चा की।

दोनों नेताओं ने भारत और बहरीन के बीच रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा समेत साझे हित के क्षेत्रों में अपने ऐतिहासिक संबंध और मजबूत करने पर सहमति जताई।

जयशंकर बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और सेशेल्स के छह दिवसीय दौरे के पहले पड़ाव में मंगलवार को यहां पहुंचे। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच जयशंकर की बहरीन की पहली यात्रा काफी महत्वपूर्ण समझी जा रही है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जयशंकर ने जयानी के साथ प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता की, जिसमें दोनों पक्षों ने संपूर्ण द्विपक्षीय मामलों और कोविड-19 संबंधी चुनौतियों से निपटने में सहयोग एवं समन्वय समेत साझे हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर चर्चा की।

बयान ने कहा, ‘‘उन्होंने रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, व्यापार एवं निवेश, बुनियादी ढांचा, आईटी, फिनटेक, स्वास्थ्य, हाइड्रोकार्बन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत और बहरीन के ऐतिहासिक संबंध और मजबूत करने पर सहमति जताई।’’

जयशंकर ने अगले महीने तीसरी भारत-बहरीन संयुक्त उच्चायोग की बैठक के लिए अपने बहरीनी समकक्ष को भारत आने के लिए फिर से आमंत्रित किया।

उन्होंने बहरीन के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शहजादे सलमान बिन हमाद अल खलीफा से बातचीत की और उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई दी।

जयशंकर ने बहरीन के उपप्रधानमंत्री शेख अली बिन खलीफा अल खलीफा से भी मुलाकात की।

जयशंकर ने बहरीन के उपप्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान भारत के लोगों तथा सरकार की ओर से उनके पिता एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री शहजादे खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के निधन पर शोक व्यक्त किया।

पूर्व प्रधानमंत्री खलीफा का 11 नवंबर को 84 साल की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया था, जहां उनका उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। उन्हें 13 नवंबर को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। वह प्रधानमंत्री पद पर सबसे ज्यादा समय तक सेवा देने वाले दुनिया के चंद नेताओं में शामिल रहे।

जयशंकर ने ट्वीट किया कि बहरीन के उपप्रधानमंत्री शेख अली से मुलाकात की। उनके पिता शहजादे खलीफा का निधन होने पर उनके और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

शाह हम्माद बिन ईसा अल खलीफा के चाचा, शहजादे खलीफा ने 1970 में प्रधानमंत्री का ओहदा संभाला था और अपने निधन तक इस पद पर काबिज़ रहे। वह 1971 में बहरीन के स्वतंत्र होने से एक साल पहले ही प्रधानमंत्री बन गए थे।

जयशंकर ने कोरोना वायरस संकट के दौरान भारतीय समुदाय के लोगों का “विशेष ख्याल रखने” के लिए बहरीन को धन्यवाद दिया।

जयशंकर ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया, “बहरीन यात्रा की शुरुआत में विदेश मंत्री डॉ अब्दुल लतीफ बिन रशीद अल जयानी से मुलाकात की। पूर्व प्रधानमंत्री शहजादे खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।”

उन्होंने कहा, “हमने ऐतिहासिक संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान हुआ। कोविड काल में भारतीय समुदाय के लोगों का विशेष ख्याल रखने के लिए बहरीन को धन्यवाद दिया।”

बहरीन में कोरोना वायरस से 85,800 लोग संक्रमित हुए हैं और 339 मरीजों की मौत हो चुकी है।

बहरीन में भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार वहां 3,50,000 भारतीय रहते हैं।

यह बहरीन की कुल जनसंख्या का एक तिहाई है।

जयशंकर ने बुधवार को बहरीन के भारतवंशियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में बहुमूल्य योगदान के लिए उनकी सराहना की।

भारतवंशियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘बहरीन में भारतीय समुदाय के लोगों से ऑनलाइन बातचीत कर अच्छा लगा। भारत के झंडे को बुलंद रखने के लिए उनका धन्यवाद। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में बहुमूल्य योगदान की सराहना करता हूं।’’

जयशंकर बहरीन की राजधानी मनामा स्थित सदियों पुराने कृष्ण मंदिर भी गए।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मनामा में 200 साल पुराने मंदिर में दर्शन के साथ दिन की शुरुआत की। यह बहरीन के साथ हमारी पुरानी और प्रगाढ़ मित्रता का साक्ष्य है।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल मंदिर के पुनर्विकास कार्यों के लिए 42 लाख डॉलर की लागत वाली परियोजना शुरू की थी।

जयशंकर अपनी छः दिवसीय यात्रा के दौरान बहरीन के अलावा संयुक्त अरब अमीरात और सेशेल्स भी जाएंगे।

यात्रा के दौरान जयशंकर यूएई में भारतीय कामगारों को वापस नौकरी देने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

विदेश मंत्री की यात्रा शुरू होने से पहले मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि यूएई में तीन लाख से अधिक भारतीय रहते और काम करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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