इमरान खान ने कहा, "मुल्क शर्मसार है कि सेना प्रमुख की नियुक्ति लंदन में तय हो रही है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 12, 2022 07:58 PM2022-11-12T19:58:19+5:302022-11-12T20:02:59+5:30
इमरान खान ने हकीकी आजादी मार्च में नये सेना प्रमुख की नियुक्ति को विवादित बनाने के लिए खुद को नहीं बल्कि शहबाज शरीफ सरकार को दोषी ठहराया।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के प्रमुख इमरान खान ने हकीकी आजादी मार्च में नये सेना प्रमुख की नियुक्ति को विवादित बनाने के लिए खुद को नहीं बल्कि शहबाज शरीफ सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि मुल्क के लिए बेहद शर्मनाक है कि उनकी सेना की नुमाइंदगी करने वाले शख्स का चुनाव लंदन में बैठकर एक ऐसा आदमी कर रहा है, जो भ्रष्टाचार के मामले में मुल्क को छोड़कर दूर बैठा है। इमरान खान का इशारा पूर्व पीएम नवाज शरीफ की ओर था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ की तीखी निंदा करते हुए पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आखिर किस हैसियत से उस आदमी से सलाह लेने लंदन गये, जो भगोड़ा है। इमरान ने कहा, "सभ्य समाज में यह किसी की कल्पना से परे है कि मुल्क के लिए बेहद अहम रहने वाले फैसले वो लोग ले रहे हैं, जो पिछले 30 सालों से मुल्क को लूटने में लगे हुए हैं।
इसके साथ ही इमरान खान ने उन आरोपों पर भी सफाई पेश की, जिसमें शरीफ सरकार उन पर सेना प्रमुख की नियुक्ति को विवादास्पद बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। इमरान ने कहा, “मैंने इसे कभी विवादास्पद नहीं बनाया। मैं तो बस इतना कहता हूं कि सेना प्रमुख की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जानी चाहिए। मुझे अपनी पसंद का न तो सेना प्रमुख चाहिए, न जज, न एनएबी प्रमुख। मैं तो केवल योग्य आदमी को उस पद पर देखना चाहता हूं।"
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि मुल्क के मौजूदा हुक्मरान हर जगह केवल अपनी पसंद के लोगों को भरना चाहते हैं। अपनी बात को बल देते हुए इमरान खान ने दावा किया कि शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में अपनी पसंद का आईजी नियुक्ति किया है, ये हम सभी जानते हैं। उन्होंने कहा, "चूंकि वह आईजी भ्रष्ट हैं, इसलिए वो हर वक्त शहबाज शरीफ की खिदमत में जुटा रहता है। वह शरीफ के किये हर गैरकानूनी काम पर पर्दा डालने का काम कर रहा है।"
इमरान खान के अलावा पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने भी सेना प्रमुख की नियुक्ति के मामले में कहा है कि सरकार में रहते हुए नवाज शरीफ की पीएमएल-नवाज और आसीफ अली जरदारी की पीपीपी सेना प्रमुख की नियुक्ति को 'विवादास्पद' बनाने का काम रही हैं।
इसके साथ ही चौधरी ने लाहौर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सेना प्रमुख की नियुक्ति संवैधानिक तौर-तरीके से लागू की जानी चाहिए लेकिन सरकार के मंसूबे नापाक हैं। शरीफ परिवार और आसिफ अली जरदारी इस मामले को जटिल बना रहे हैं।