इमरान खान यूक्रेन संकट के बीच कल जा रहे हैं रूस के दौरे पर, देश में हो रही है आलोचना
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 22, 2022 16:05 IST2022-02-22T15:53:59+5:302022-02-22T16:05:23+5:30
पाक विदेश मंत्रालय के मुताबिक इमरान खान की इस यात्रा का मुख्य मकसद पाकिस्तानी पीएम और रूसी राष्ट्रपति के बीत द्विपक्षीय वार्ता है। बताया जा रहा है कि साल 1999 के बाद यह पहला मौका है जब कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री रूस का दौरा कर रहा है।

इमरान खान यूक्रेन संकट के बीच कल जा रहे हैं रूस के दौरे पर, देश में हो रही है आलोचना
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी दो दिवसीय रूस की यात्रा पर बुधवार को पाकिस्तान से रवाना होंगे। बीते 23 साल में किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की ओर से रूस की पहली यात्रा बताई जा रही है।
इस बीच रूस और यूक्रेन की सीमा पर भारी तनाव चल रहा है और लगभग-लगभग युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है, जस पर भारत, अमेरिका सहित पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं।
इमरान खान की यात्रा के मद्देनजर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक इस यात्रा का मुख्य मकसद इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीत द्विपक्षीय वार्ता है। बताया जा रहा है कि साल 1999 के बाद यह पहला मौका है जब कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री रूस का दौरा कर रहा है।
वहीं इसके साथ यह बात भी सामने आ रही है कि मॉस्को और इस्लामाबाद साल 2022 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पाकिस्तान यात्रा पर भी गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं। इस संबंध में पाकिस्तानी अखबार 'द न्यूज इंटरनेशनल' में एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति पुतिन की पाकिस्तान यात्रा बीते दो वर्षों से चर्चा में थी, लेकिन कोरोना महामारी सहित कई अन्य वजहों से यह संभव नहीं हो सका।
अखबार के मुताबिक मॉस्को भी इस संबंध में बेहद गंभीर है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पाकिस्तान यात्रा को अंतिम रूप दिया जा सके और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो।
वहीं पाक पीएम इमरान खान की यात्रा के संबंध में उनके ही देश में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। मसलन इमरान खान की रूस यात्रा से पहले बलूचिस्तान नेता और पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषक जान अचकजई ने बताया था कि इमरान खान की रूस यात्रा के लिए यह समय उपयुक्त नहीं हैं।
बलूचिस्तान नेता जान अचकजई ने कहा कि इस यात्रा का सबसे प्रमुख पहलू यह है कि इमरान खान को रूस ने आमंत्रित नहीं किया, बल्कि उन्होंने रूस से अपने लिए निमंत्रण मांगा था।
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल में लिखा है कि अचकजई ने भारत-रूस संबंधों का हवाला देते हुए कहा, "और ऐसे माहौल में जहां पुतिन ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत द्वारा रूस के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करने के लिए पीएम मोदी को पहले ही बुलाया है।"
इसके साथ ही अचकजई ने कहा कि रूस ने कभी पाकिस्तान का समर्थन नहीं मांगा और न ही अमेरिका ने कभी पाकिस्तान को मॉस्को जाने से रोका था।
उन्होंने इमरान खान की यात्रा के मद्देनजर सवाल खड़े करते हुए प्रश्न किया, "यह पाकिस्तान की अप्रासंगिकता है या अमेरिका की स्पष्ट समझ है कि पाकिस्तान रूस से खाली हाथ वापस आएगा और आगे की कमजोरी की स्थिति से आईएमएफ और एफएटीएफ जैसे मंचों में वाशिंगटन से वित्तीय रियायतें मांगेंगे?"
अचकजई ने इमरान खान की यात्रा को बिना लाभ के बताते हुए कहा कि इमरान खान की इस यात्रा के बावजूद रूस पाकिस्तान को कुछ नहीं देने जा रहा है क्योंकि इस्लामाबाद का समर्थन पाने के लिए भारत को खोने का जोखिम उठाने के लिए मास्को कभी तैयार नहीं होगा। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का समर्थन केवल कर्ज और सहायता के बाद ही मिलता है।"