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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा, मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से बची डेमोक्रेट सांसद की जान

By भाषा | Updated: April 8, 2020 12:55 IST

कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को लेकर बहस जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मलेरिया की दवा का प्रचार कोविड-19 के संक्रमण की दवाई के विकल्प के रूप में कर रहे हैं. वहीं दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की दवाई और वैक्सिन बनाने की कोशिशें जारी रखे हुए हैं और अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.

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ठळक मुद्देहाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन एक पुरानी और सस्ती दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में होता है।भारत ने पड़ोसी देशों समेत अमेरिका को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करने का फैसला किया है। अ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी की मिशिगन राज्य की सांसद ने कोरोना वायरस से जान बचने का श्रेय हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को दिया है। ट्रंप ने कहा कि नेता ने मलेरिया की दवाई का प्रचार करने के लिए उनका आभार भी प्रकट किया। कोविड-19 के उपचार के बीच हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के दुष्प्रभावों पर चल रही बहस के बावजूद ट्रंप इस संक्रमण की दवाई के विकल्प के रूप में इसका प्रचार कर रहे हैं। इस संक्रमण का अब तक कोई उपचार सामने नहीं आया है।

मिशिगन राज्य की प्रतिनिधि कारेन विटसेट ने कहा कि कोरोना वायरस से वह और उनके पति अपनी जान इसलिए बचा पाए क्योंकि उन्होंने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेना शुरू कर दी थी। विटसेट ने कहा कि उन्होंने अपने चिकित्सक से यह दवा देने को कहा था क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को एक समाचार चैनल पर इस दवा के बारे में बोलते सुना था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये वही महिला हैं जिनके बारे में मुझे लगा था कि वह जीवित नहीं बच पाएंगी। वह डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिनिधि हैं, बेहद सम्मानित अफ्रीकी-अमेरिकी महिला हैं। उन्होंने जिस तरह से कहानी बताई, वह बहुत ही खूबसूरत तरीका था। अब वह ठीक हैं, पिछली रात टेलीविजन पर उनका इंटरव्यू आया जिसमें उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा।’’ 

गौरतलब है कि इस दवा को लेकर अमेरिका से लेकर भारत बवाल मचा हुआ है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन एक पुरानी और बेहद कम मूल्य की (सस्ती) दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में होता है। राष्ट्रपति ट्रंप इसे कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभावी इलाज के रूप में देख रहे हैं। अमेरिका में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 12,800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि 4 लाख से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति का फ्रांस की बड़ी दवा कंपनी सनोफी में ‘‘कुछ निजी आर्थिक हित हैं।’’ इसमें राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़े शेयरधारक और वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी भी हैं। सनोफी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ब्रांड संस्करण प्लाक्वेनिल नाम से दवा बनाती है। अगर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को उपचार के लिए स्वीकार कर लिया जाता है तो कई दवा कंपनियों को फायदा होगा।

ट्रंप का भी फ्रांस की दवा कंपनी सनोफी में थोड़ा निजी वित्तीय हित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेनेरिक दवा बनाने वाली कई कंपनियां हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बनाने की तैयारी में है। इसमें भारतवंशी चिराग पटेल और चिंटू पटेल की एमनील फार्मस्यूटिकल कंपनी भी है।

टॅग्स :कोरोना वायरसअमेरिकाइंडियाडोनाल्ड ट्रम्प
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