पाकिस्तान: आतंकी हाफिज सईद को गुजरांवाला कोर्ट ने दोषी ठहराया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2019 14:06 IST2019-08-07T14:05:03+5:302019-08-07T14:06:39+5:30
हाफिज सईद को गुजरांवाला में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के आरोपों पर तीन जुलाई को सईद समेत जेयूडी के 13 शीर्ष नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थी।

पाक अधिकारियों के अनुसार, हाफिज के नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं।
पाकिस्तान की गुजरांवाला अदालत ने आतंकी हाफिज सईद को दोषी करार दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के पाक मीडिया के हवाले से बताया कि सईद को केस गुजरात (पाकिस्तान) शिफ्ट कर दिया गया है।
मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं।
सईद को गुजरांवाला में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के आरोपों पर तीन जुलाई को सईद समेत जेयूडी के 13 शीर्ष नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थी।
सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है जो 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को आतंकवादी सूची में डाल रखा है और अमेरिका ने 2012 से ही सईद को सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।
पुलवामा हमले के बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद देशभर में मदरसों और मस्जिदों समेत जेयूडी तथा एफआईएफ की संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के बाद से सईद अपने लाहौर स्थित जौहर टाउन आवास में रह रहा था और वह चर्चाओं में नहीं था। यहां तक कि उसे लाहौर और मुरीदके में जेयूडी के मुख्यालय में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया था।
पाक अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं।
पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी 2017 को सईद और उसके चार साथियों को नजरबंद किया था। सईद को 2017 नवंबर में नजरबंदी से रिहा किया गया। उसे नवंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन अदालत ने 2009 में उसे रिहा कर दिया था।